केरल में चलने वाले एक फिटनेस क्लब में महिला और पुरुषों के एक साथ योग करने पर एक इस्लामी विद्वान ने सवाल उठाते हुए ऐसे आयोजन को फ़ौरन बंद करने की मांग की है. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया है कि इससे महिला का शील भंग हो सकता है.
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मलप्पुरम: देश के स्कूलों ने अनिवार्य योग सेशन आयोजित करने या योग दिवस मनाने को लेकर कुछ मुस्लिम वर्ग और उनके उलेमा सवाल उठाते रहे हैं. वो इसे इस्लाम के मूल नियमों के खिलाफ बताते रहे हैं. लेकिन केरल में अब योग को लेकर कुछ उलेमा ने नया विवाद खड़ा कर दिया है. उलेमा ने स्त्री- पुरुषों के सामूहिक और सार्वजनिक योग सत्र का यह कहकर विरोध किया है कि इससे स्त्री- पुरुष की भावनाएं भड़क सकती है.. इसलिए महिला और पुरुषों को एक साथ योग नहीं करना चाहिए. मौलवी ने ऐसी प्रथाओं को बढ़ावा देने वाले संगठनों की आलोचना की है.
साझ योग से पैदा हो सकता है खतरा
केरल के जेम-इय्याथुल उलमा के महासचिव ए पी अबूबकर मुसलियार ने कहा है कि ऐसी प्रथाओं में शामिल होने पर महिलाओं की लज्जा भंग हो सकती है. उनके साथ कोई अनहोनी घटना घट सकती है. राज्य के उत्तरी जिलों में लोकप्रिय एक्सरसाइज ग्रुप कॉम्बिनेशन 7 (एमईसी 7) की साफ़ तौर पर आलोचना करते हुए, मौलवी ने कहा कि व्यायाम की आड़ में गांवों और कस्बों में मंच स्थापित किए जा रहे हैं. इस मंच में महिला और पुरुष साथ- साथ कसरत और योग करते हैं. यह ठीक नहीं है. इससे एक गलत परम्परा कायम हो रही है. मुसलियार ने अपनी चिंताओं को जाहिर करते हुए कहा कि पुरुषों और महिलाओं के एक-दूसरे के साथ जुड़ने और व्यायाम में हिस्सा लेने में कुछ भी गलत नहीं है. लेकिन अतीत में गैर-महिलाओं को गैर- पुरुषों को आपस में मिलने और उनकी बात सुनने से प्रतिबंधित किया जाता था और इस संबंध में इस्लाम के निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाता था. इस्लामिक विद्वान ने कहा कि इन प्रतिबंधों को हटाने और पुरुषों और महिलाओं को मिलने की इज़ाज़त देने से काफी नुकसान हुआ है. इससे पहले के हमारे सामने इस साझ योग से कोई खतरा पैदा हो और कोई घटना घट जाए, इसे रोका जाना चाहिए.
MEC 7 वर्कआउट क्लब पहले भी आ चुका है विवादों में
गौरतलब है कि केरल में MEC 7 एक वर्कआउट नाम से एक workout क्लब चलाया जा रहा है. इसका शाखा खाड़ी देशों तक फैला हुआ है. जहाँ लोग आपस में जुड़कर साझा तौर पर योग और कसरत करते हैं. इस क्लब को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है. केरल की CPIM सरकार और कुछ मुस्लिम संगठन ये इलज़ाम लगा चुके हैं कि इस हेल्थ क्लब का प्रतिबंधित इस्लामी संगठनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और जमात-ए-इस्लामी के साथ सम्बन्ध है. हालांकि, क्लब के आयोजकों ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.