Gyanvapi Masjid Case: जिला अदालत ने 31 जनवरी को फैसला सुनाया कि एक हिंदू पुजारी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में मूर्तियों के सामने प्रार्थना कर सकता है. अब पूजा-अर्चना काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के जरिए नामित एक हिंदू पुजारी और याचिकाकर्ता के जरिए की जा रही है.
Trending Photos
Gyanvapi Masjid Case: वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने के ऊपर मुस्लिम अक़ीदतमंद को जाने से रोकने की गुजारिश वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई के लिए 11 अप्रैल की तारीख तय की है. कोर्ट ने हाल ही में तहखाने में हिंदुओं को पूजा की इजाजत दी थी.
हिंदू पक्ष के वकील ने क्या कहा?
वहीं, हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि मुस्लिम पक्ष के सदस्यों ने आज यानी 19 मार्च को प्रभारी जिला न्यायाधीश अनिल कुमार की कोर्ट में कहा कि वे रमजान महीने के रोजे रख रहे हैं, इसलिए उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए वक्त दिया जाना चाहिए.
याचिका में दी गई है ये दलील
उन्होंने बताया कि इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई की तारीख 11 अप्रैल तय की है। हिंदू पक्ष की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि “व्यास तहखाना” के नाम से भी जाने जाने वाले तहखाने की छत काफी पुरानी और कमजोर है और इसके स्तंभों की मरम्मत की आवश्यकता है. नई याचिका दायर किए जाने से कुछ दिन पहले ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद के "व्यास तहखाना" में हिंदू प्रार्थनाएं जारी रहेंगी.
कोर्ट ने दी थी पूजा की इजाजत
हाईकोर्ट ने इस संबंध में जिला अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी थी. इस बीच यादव ने कहा था कि तहखाने के ऊपर मुस्लिम अक़ीदतमंद का घूमना या नमाज पढ़ना पुराने ढांचे के लिए अच्छा नहीं है, जिसकी मरम्मत की जानी चाहिए. जिला अदालत ने 31 जनवरी को फैसला सुनाया कि एक हिंदू पुजारी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में मूर्तियों के सामने प्रार्थना कर सकता है. अब पूजा-अर्चना काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के जरिए नामित एक हिंदू पुजारी और याचिकाकर्ता के जरिए की जा रही है. पुजारी ने दावा किया है कि उनके दादा दिसंबर 1993 तक तहखाने में पूजा करते थे.