Modinagar Madarsa buldozed: यह मामला गाज़ियाबाद के मोदीनगर इलाके का है, जहाँ दावा किया गया था कि तालाब की जमीन घेर कर मदसरा बनाया गया था. इसलिए बुल्डोज़र चलाकर मदरसा गिरा दिया गया और संचालकों पर हाईकोर्ट ने दो लाख का जुर्माना भी लगाया है.
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नई दिल्ली: पूरे उत्तर परदेश में अवैध निर्माण के नाम पर मस्जिद और मदरसों को गिराया जा रहा है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके में सोमवार को एक मदरसे पर बुल्डोज़र चलाकर उसके एक बड़े हिस्से को गिरा दिया गया. इल्ज़ाम है कि मदरसा नगर निगम की ज़मीन पर कब्ज़ा कर बनाया गया था.
गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके के सारा गांव में उल उसूल नाम का एक मदरसा था. प्रशासन का इल्ज़ाम है कि ये मदरसा तालाब की भूमि पर अवैध तौर पर बनाया गया था. यह मदरसा पिछले कई सालों से यहां पर चल रहा था, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड के बच्चे पढाई करते थे. इसका मामला कोर्ट में चल रहा था. प्रशासन का दावा है कि इस मदरसे के विवाद का मामला पहले एसडीएम कोर्ट, फिर एडीएम कोर्ट और उसके बाद फिर जिला न्यायालय से होकर हाई कोर्ट पहुंचा था. लेकिन हाई कोर्ट ने भी मदरसा संचालकों को अवैध निर्माण के लिए कोई राहत नहीं दी और मदरसे को हटाने का आदेश दिया था. इस मामले में हाई कोर्ट ने मदरसा संचालक पर ₹200000 का जुर्माना भी लगाया है.
सोमवार को मोदीनगर प्रशासन की तरफ से कार्रवाई करते हुए यहां बने मदरसे की बाउंड्री और कमरों को गिरा दिया गया. जिला प्रशासन की टीम पूरे दलबल के साथ सारा गांव पहुंची थी. मदरसा गिराने के पहले ऐतिहातन पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया था. हालांकि, इस कार्रवाई का कहीं किसी ने कोई विरोध भी नहीं किया.
एसडीएम मोदीनगर, पूजा गुप्ता ने कहा कि सरकारी दस्तावेज़ में ये ज़मीन सरकार के नाम पर थी. वैध रूप से ये ज़मीन मदरसे के पास कभी थी ही नहीं. ये पूरी तरह से गैर- कानूनी निर्माण था. इसलिए इसे गिरा दिया गया है. हालांकि, कोई भी मदरसा संचालक या इस पक्ष का आदमी इस मामले में सामने नहीं आया है.
गौरतलब है कि इससे पहले भी गाज़ियाबाद में कई अन्य मदरसों को भी अवैध निर्माण बताकर तोड़ा ज चुका है. प्रदेश में कई मस्जिदों को भी तोड़ा गया है, और अभी कई जिलों में कई मस्जिदें सरकार और स्थानीय प्रशासन के निशाने पर है.