Assam News: उत्तर प्रदेश के एक युवक पर असम में एक मुस्लिम नाबालिग लड़के का अपहरण करने का आरोप लगा है, जिसके बाद राज्य का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Assam News: देश के भाजपा शासित राज्यों में किसी गैर मुस्लिम लड़की से दोस्ती या प्रेम संबंध रखने पर जहाँ मुस्लिम नौजवानों पर लव जिहाद करने का इल्जाम लगाकर तुरंत उसे जेल भेज दिया जाता है, वहीँ इसके ठीक विपरीत, किसी नाबालिग मुस्लिम लड़की को बहला- फुसलाकर भगा ले जाने या अपहरण करने के बाद भी गैर-मुस्लिम आरोपियों के खिलाफ पुलिस का रवैय्या काफी नर्म और उदासीन रहता है. मुस्लिम समाज के लोग लगातार ऐसी शिकायतें कर रहे हैं.
ताजा मामला असम के धुबरी जिले का सामने आया है. असम के धुबरी जिले के बिलासिपारा के चीराकोटा गांव के एक 13 साल की मुस्लिम लड़की के बाप ने इल्जाम लगाया है कि उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक नौजवान ने उनकी नाबालिग बेटी को प्रेम जाल में फंसा कर अपहरण कर लिया है. पिता का इल्जाम है कि 8वीं क्लास में पढने वाली उनकी 13 साल की बेटी को प्रेमचंद उर्फ लकी नाम के युवक ने प्रेम जाल में फंसा कर उसका अपहरण कर लिया है, और उसे लेकर कहीं गायब हो गया है. प्रेमचंद यूपी का रहने वाला है और धुबरी में किसी बालाजी ईट उद्योग में काम करता है.
इसी दौरान उसने लड़की से संपर्क कर उसे प्रेम जाल में फंसा लिया. लड़की के माँ- बाप को इस बात का डर सता रहा है कि प्रेमचंद उनकी लड़की को किसी देह व्यापार या मानव तस्करी गिरोह को बेच सकता है. लड़की के बाप का कहना है कि उसने इस मामले में एक हफ्ता पहले मकामी पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
पीड़ित परिवार और स्थानीय मुस्लिम समाज में आक्रोश
इस बीच प्रेमचंद के साथ काम करने वाले कुछ और मजदूर सामने आये हैं, जिनका कहना है कि प्रेमचंद लड़की को लेकर उत्तर प्रदेश चला गया है. प्रेमचंद के साथी इस मामले में लड़की के परिवार की मदद करने को भी तैयार हैं, लेकिन पुलिस इसपर संज्ञान नहीं ले रही है. इस हादसे के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि इस तरह के मामले हर रोज कहीं ना कहीं घट रहे हैं, लेकिन पुलिस इसपर कार्रवाई नहीं करती है, जबकि ऐसे ही केस में मुस्लिम आरोपी होने पर पुलिस उसे फ़ौरन गिरफ्तार कर जेल भेज देती है. इस मामले में अपहृत लड़की के पिता ने सवाल उठाया है कि एक ही जैसे केस में पुलिस का दोहरा रवैय्या आखिर कैसे हो जाता है ? क्या सरकार और कानून में ऐसी कोई व्यवस्था है, जो पुलिस को अपना काम करने से रोक रही है?
सरकार और पुलिस से मामले में दखल की मांग
इस मामले में गुवाहाटी हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट और खुदाई खिदमतगार असम प्रान्त के प्रमुख एडवोकेट इलियास अहमद ने इस मामले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि अगर यह मामला हिंदू लड़की का होता तो love Jihad कहकर पूरा मामला गर्म हो गया होता. पुलिस अबतक कार्रवाई कर लेती लेकिन यह मामला 13 साल की मुस्लिम लड़की से जुड़ा है इसलिए पुलिस इसमें ढीला रवैय्या अपना रही है. एडवोकेट इलियास अहमद ने असम सरकार और असम पुलिस से अपील की है कि इस मामले पर ध्यान दें और लड़के को गिरफ्तार किया जाए.
Report: Sharif Uddin Ahmed