मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाने पर बोला हाई कोर्ट; 'इबादत की जगह पर नहीं कर सकते हक का दावा...'
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2615934

मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाने पर बोला हाई कोर्ट; 'इबादत की जगह पर नहीं कर सकते हक का दावा...'

Loudspeaker in Mosque: हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें ये मांग की गई थी कि मस्जिद में लाउडस्पीकर लागने की इजाजत दी जाए. याचिका के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि याचिकाकर्ता मस्जिद से जुड़ा नहीं है.

मस्जिदों में लाउडस्पीकर लगाने पर बोला हाई कोर्ट; 'इबादत की जगह पर नहीं कर सकते हक का दावा...'

Loudspeaker in Mosque: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत देने का राज्य के अफसरों को निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. उत्तर प्रदेश के जिला पीलीभीत के मुख्तियार अहमद की तरफ से दायर याचिका खारिज करते हुए जज अश्वनी कुमार मिश्रा और जज डी. रमेश की पीठ ने कहा, "मजहबी मकाम खुदा की इबादत के लिए हैं, इसके लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का हक नहीं दिया जा सकता, खासकर तब जब लाउडस्पीकर अक्सर वहां रहने वालों के लिए परेशानी पैदा करते हैं." 

राज्य सरकार के वकील ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने इस रिट याचिका की पोषणीयता पर यह कहते हुए आपत्ति जाहिर की कि याचिकाकर्ता ना तो मस्जिद का मुतवल्ली (देखभाल करने वाला) है और ना ही वह उस मस्जिद से जुड़ा है. राज्य सरकार के वकील की दलील में दम पाते हुए अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को यह रिट याचिका दायर करने का हक नहीं है. अर्जी में राज्य सरकार को मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत देने की हिदायत देने की मांग की गई थी. 

यह भी पढ़ें: क्या मुंबई की मस्जिदों से हटाए जाएंगे लाउडस्पीकर? बॉम्बे HC ने DGP को दिया फरमान

मस्जिदों से हटाए गए थे लाउडस्पीकर
आपको बता दें कि पिछले साल यानी दिसंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में पुलिस ने कई मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए थे. फिरोजाबाद के एसपी रविशंकर प्रसाद ने बताया था कि मस्जिद में लाउडस्पीकर बजाने की कई शिकयतें मिली थीं, इसके बाद यह फैसला किया गया था. शिकयत मिलने के बाद पुलिस ने कई मस्जिदों के वॉल्यूम कम कराए थे. इसके बावजूद उल्लंघन पाए जाने के बाद मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवा दिए गए थे. 

अदालत ने की थी बयानबाजी
इससे पहले साल 2023 में गुजरात हाईकोर्ट ने कहा था कि मस्जिदों में अजान के लिए इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकरो से ध्वनि प्रदूषण नहीं होता है. अदालत ने लाउडस्पीकर पर बैन वाली याचिका को खारिज कर दिया था. उस वक्त अदालत ने याचिका को पूरी तरह से गलत बताया था. उन्होंने इस मामले पर कहा था कि "हम यह समझने में नाकाम हैं कि लाउडस्पीकर के जरिए अजान देने वाली मानवीय आवाज नॉइज पॉल्यूशन पैदा करने के स्तर तक कैसे पहुंच सकती है, जिससे आम लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरा पैदा हो सकता है."

Trending news