Gaza News: गाजा में हालात संजीदा बने हुए है. इस मसले पर अब भारत का बयान आया है और इस कंडीशन को अस्वीकार्य करार दिया है. भारत में यूएन में इस मामले पर टिप्पणी की है. पढ़ें पूरी खबर
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Gaza News: भारत ने सोमवार को गाजा में मानवीय संकट की कड़ी निंदा की है. बता दें इजराइल लगातार रफाह पर हमले कर रहा है. जिसमें कई सौ लोगों की जान जा चुकी है. इसी हमलों पर इंडिया ने टप्पणी की है और कहा है क मौजूदा संकट के बीच नागरिकों की मौतों में वृद्धि "बिल्कुल अस्वीकार्य" है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में दोनों पक्षों के नागरिकों की मौत की निंदा करते हुए कहा कि निकट भविष्य में गाजा में अस्थिरता बढ़ने की संभावना है. फ़िलिस्तीन पर 10वें यूएनजीए आपातकालीन विशेष सत्र में बोलते हुए, कम्बोज ने कहा, “गाजा में संघर्ष सात महीने से अधिक समय से चल रहा है, और इससे पैदा हुआ मानवीय संकट और बढ़ता जा रहा है.
उन्होंन आगे अपने भाषण में कहा," इलाके और उसके बाहर भी अस्थिरता बढ़ने की संभावना है. इस संदर्भ में, हम यूएनएससी द्वारा प्रस्ताव 2728 को अपनाने को एक सकारात्मक कदम के रूप में देखते हैं." इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस हिंसा में आम नागरिकों की मौत हुई है, जिसमें बच्चों और औरतों की तादाद ज्यादा है.
उन्होंने आगे कहा, "इज़राइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष की वजह से बड़े पैमाने पर नागरिकों की जिंदगी, खास तौर पर महिलाओं और बच्चों की हानि हुई है. जिसकी वजह से पैदा हुए मानवीय संकट पैदा हो गया है, जो बिल्कुल अस्वीकार्य है. हमने संघर्ष में नागरिकों की मौत की कड़ी निंदा की है. सभी को सभी हालातों में अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान करना चाहिए."
उन्होंने कहा,"7 अक्टूबर को इज़राइल में आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे, और वे हमारी स्पष्ट निंदा के पात्र हैं. आतंकवाद और बंधक बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता. उन्होंने कहा, ''आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ भारत का रुख पुराना और समझौताहीन है और हम सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की मांग करते हैं.''
युनाइटेड नेशन में भारत ने साफ किया कि इस मसले में टू नेशन सॉल्यूशन से ही शांति आ सकती है. कंबोज ने कहा, "मेरे नेतृत्व ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि अंतिम स्थिति के मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच सीधी और सार्थक बातचीत के माध्यम से प्राप्त दो-राज्य समाधान ही स्थायी शांति प्रदान करेगा."