शरीर के तिल और मस्सों का अगर बदलने लगे रंग और साइज़ तो हो जाएं सावधान; हो सकता है कैंसर
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शरीर के तिल और मस्सों का अगर बदलने लगे रंग और साइज़ तो हो जाएं सावधान; हो सकता है कैंसर

Health News: अभिनेता जोनास ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में साझा किया कि उन्होंने माथे से बेसल सेल कार्सिनोमा को हटाने के लिए सर्जरी करवाई. जो एक प्रकार का त्वचा कैंसर है. ये अक्सर सूर्य के कॉन्टैक्ट में आने की वजह से होता है.

शरीर के तिल और मस्सों का अगर बदलने लगे रंग और साइज़ तो हो जाएं सावधान; हो सकता है कैंसर

Skin Cancer: डॉक्टर के एक समूह ने मस्सों को लेकर हैरान करने वाला बयान दिया है. दरअसल, डॉक्टरों का ये बयान उस वक्त आया जब अमेरिका के मशहूर पॉप गायिका और अभिनेता केविन जोनास ने मस्सों ( बैसल सेल कर्सिनोमा ) को हटाने के लिए सर्जरी कराई. इसके बाद डॉक्टरों ने गुरुवार को कहा कि सभी लोगों को हमेशा नई त्वचा के विकास, मस्सों के आकार और रंग पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह त्वचा कैंसर हो सकता है. 

अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के रिश्तेदार अभिनेता जोनास ने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में साझा किया कि उन्होंने माथे से बेसल सेल कार्सिनोमा को हटाने के लिए सर्जरी करवाई. जो एक प्रकार का त्वचा कैंसर है. ये अक्सर सूर्य के कॉन्टैक्ट में आने की वजह से होता है. खासकर चेहरे पर यह ज्यादा विकसित होता है, जो सूर्य के सीधे संपर्क में रहता है.

पॉप गायिक ने विडीयो में कहा,  "हां, वह वास्तव में एक छोटा सा त्वचा कैंसर है जो बढ़ना शुरू हो गया था और अब मुझे इसे हटाने के लिए सर्जरी करानी पड़ी." उन्होंने लोगों को सलाह देते हुए कहा, "उन मस्सों की जांच अवश्य कराएं."

डॉक्टर्स ने क्या कहा?
मेडिकल ऑन्कोलॉजी के सलाहाकार ने कहा कि कि मस्सों और नई त्वचा वृद्धि पर नजर रखना बहुत अहम है, खासकर युवाओं को इस पर ध्यान देने की जरूरत है. सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम के मेडिकल ऑन्कोलॉजी सलाहकार पूजा बब्बर ने कहा,  "स्किन में होने वाले बदलावों को महज यह कहना आसान हो सकता है कि कोई गंभीर बात नहीं है, फिर भी कुछ ऐसे लक्षण हैं जिन्हें तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है. इनमें आकार, आकार या रंग के साथ-साथ विषमता में कोई भी प्रगतिशील परिवर्तन शामिल हैं."

उन्होंने आगे कहा, "त्वचा कैंसर, विशेष रूप से मेलेनोमा, अपने प्रारंभिक चरण में आक्रामक हो सकता है, लेकिन ज्यादातर इलाज योग्य है, इसलिए तुरंत जांच कराना महत्वपूर्ण है." 

वहीं, फोर्टिस हॉस्पिटल  के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी की डाइरेक्टर और एचओडी विनीता गोयल ने कहा, "किसी भी नई स्किन की वृद्धि, ठीक न होने वाले त्वचा अल्सर या सूजन या किसी भी मस्सों में बदलाव (आकार में वृद्धि, रंग में बदलाव, रक्तस्राव) पर ध्यान दें और अपने डॉक्टरों से सलाहब लें."

गोरी त्वाचा वालों को रखने होंगे खास ध्यान 
एक्सपर्ट्स ने सलाह दी कि धूप में बाहर निकलते वक्त हमेशा सनस्क्रीन, टोपी, दस्ताने और अन्य सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और स्किन कैंसर से बचने के लिए हेल्दी जीवनशैली अपनाएं. वहीं, सर गंगा राम हॉस्पिटल के डर्मेटोलॉजी  डिपार्टमेट के चीफ एस सी भरिजा ने बताया कि मस्सों पर रेगुलर निगरानी करने की जरूरत होती है, विशेष रूप से गोरी त्वचा वालों को.

डॉक्टर ने कहा, "अत्यधिक सूर्य के कॉन्टैक्ट से बचकर उन्हें UVA रेडियेशन से बचाया जाना चाहिए. मस्सों के आकार में अचानक वृद्धि के मामले में, खुजली या रक्तस्राव और घावों के काले पड़ने की उपस्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए." 

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