Dharamshala News: एक तरफ कांगड़ा चाय का इस साल उत्पादन बढ़ा है. तो वहीं दूसरी ओर ऑक्शन में खरीददार रुचि नहीं दिखा रहे. वहीं, पिछले वर्ष की अपेक्षा ऑक्शन रेट में 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
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Dharamshala News: इस बार कांगड़ा चाय उत्पादन में वृद्धि हुई है, लेकिन ऑक्शन में खरीददार चाय खरीद में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. आलम यह है कि धर्मशाला से कोलकाता ऑक्शन के लिए भेजी कुल चाय में से 25 फीसदी अभी भी अनसोल्ड है. यही नहीं ऑक्शन रेट में भी पिछले वर्ष की अपेक्षा 25 फीसदी कमी आई है.
यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इंटरनेशनल फेक्टर का इफेक्ट भी चाय की खरीद में सामने आ रहा है क्योंकि इरान चाय खरीद में इस बार ज्यादा सक्रियता नहीं दिख रहा है. वहीं यूक्रेन और रशिया के बीच जारी युद्ध भी इसका एक कारण है. धर्मशाला की चाय की बात करें तो यही चाय ऑक्शन के बाद यूक्रेन, रशिया भी जाती थी. वहीं इरान भी चाय खरीदता था, लेकिन अब हालात बिल्कुल बदले हुए हैं.
पिछले साल के मुकाबले इस साल चाय का रेट 25 फीसदी कम है. जो चाय ऑक्शन के लिए भेजी जाती है, अगल उसे खरीददार नहीं मिलता तो चाय आउट हो जाती है और उसे पुन: सेल के लिए जाने में एक माह का समय लग जाता है. जहां पर चाय को स्टोर किया जाता है. कंपनी को उसका भी किराया लगातार देना पड़ता है, जो अतिरिक्त बोझ कंपनी पर रहता है.
इस बार बारिश अच्छी होने पर उत्पादक, चाय उत्पादन अच्छा होने की उम्मीद में थे. उम्मीदों अनुरूप उत्पादन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई, लेकिन सेल न होने की वजह से परेशानी सामने आ रही है. धर्मशाला चाय फैक्टरी में पिछले साल 1.45 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ था, जो कि इस वर्ष बढ़कर 1.60 लाख किलोग्राम पहुंच गया है.
कांगड़ा चाय की बिक्री इस बार कम हो रही है, वहीं रेट भी कम मिल रहे हैं. इरान इस बार चाय खरीद में रुचि नहीं दिखा रहा है, जबकि यूक्रेन और रशिया में युद्ध चल रहा है. कांगड़ा चाय को यह फेक्टर बहुत इफेक्ट कर रहे हैं. हालांकि इस बार उत्पादन पिछले वर्ष की अपेक्षा 15 फीसदी अधिक हुआ है, लेकिन कम रेट व कम बिक्री की समस्या बनी हुई है.