Sharad Purnima 2022: इस साल शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर दिन रविवार को है. इस दिन चंद्रमा पूरी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. इसके साथ ही यह भी कथा है कि समुद्र मंथन जब किया जा रहा था, तब शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी. यही वजह है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र देव के साथ मां लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है.
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Sharad Purnima 2022: अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रास पूर्णिमा या शरद पूर्णिमा कहा जाता है. इस साल शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर दिन रविवार को है. शरद पूर्णिमा की रात का धार्मिक महत्व है. इस दिन चंद्रमा, माता लक्ष्मी और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है. इस दिन विशेष रुप से देवी-देवता को खीर का भोग लगाया जाता है.
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माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा पूरी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. इसके साथ ही यह भी कथा है कि समुद्र मंथन जब किया जा रहा था, तब शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी. यही वजह है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र देव के साथ मां लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपनी सवारी उल्लू पर सवार होकर धरती पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं.
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पूजा तिथि
बता दें, शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा पृथ्व के सबसे निकट होता है. इस दिन चंद्रमा की किरणें अमृत की वर्षा करती हैं. पूर्णिमा की शुभ तिथि 9 अक्टूबर को सुबह 3.41 बजे से शुरू होगी. जो अगले दिन यानी की सोमवार 10 अक्टूबर को सुबह 2.25 बजे खत्म होगी.
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पूजा विधि
इस दिन आपको रात के समय मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए. माता को गुलाब के फूलों की माला चढ़ाना चाहिए. उन्हें सफेद मिठाई और सुगंधित फूल अर्पित करना चाहिए. इसके अलावा आपको ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः का जाप करना चाहिए.
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