Kullu News: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के राजकीय महाविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा यह मूक प्रदर्शन आयोजित किया गया, ताकि सरकार उनकी और ध्यान दे सके.
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Himachal Pradesh/मनीष ठाकुर: सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए जहां धरने प्रदर्शन किए जाते हैं. तो वहीं शोर शराबे के साथ सरकार की नीतियों का भी विरोध किया जाता है. ऐसे में इन धरने प्रदर्शन को देखकर सरकार कई बार लोगों की मांगों को भी पूरा कर देती है. लेकिन जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के राजकीय महाविद्यालय में मांगे पूरी न होने पर छात्रों ने एक अनोखा तरीका ही अपनाया. जिसके तहत छात्रों ने अपने मुंह पर काली पट्टियां बांध ली और सरकार के विरोध में मूक प्रदर्शन किया.
जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर के राजकीय महाविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा यह मूक प्रदर्शन आयोजित किया गया. ताकि सरकार उनकी और ध्यान दे सके. छात्रों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर पा रही है और इससे पहले भी कई धरने प्रदर्शन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के द्वारा किए गए. ऐसे में धरना प्रदर्शन से बात बनता ना देख अब उन्होंने मूक प्रदर्शन का सहारा लिया है.
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कुल्लू इकाई के अध्यक्ष अभिनव कश्यप ने बताया कि सरकार के समक्ष छात्रों की मांगों को रखा जा रहा है. ताकि उन मांगों के माध्यम से छात्रों का भविष्य सुधर सके. लेकिन सरकार है कि छात्रों की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है. इसी के चलते ढालपुर कॉलेज में मूक प्रदर्शन किया गया. अगर अब भी सरकार की आंखें नहीं खुलता है तो आने वाले समय में नई रणनीति के तहत काम किया जाएगा.
अभिनव कश्यप ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश के छात्रों को हितों के लिए सरकार से मांग उठा रही है. जिसमें मांग रखी गई है कि सरकार छात्र संघ चुनाव बहाल करे और शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक भर्तियां शीघ्र अति शीघ्र किया जाए. इसके अलावा हिमाचल राज्य विश्वविद्यालय के साथ राजनीति करना बंद करें और NEP-2020 को प्रभावित रूप से धरातल पर उतारा जाए.
वही, अतिथि शिक्षक भर्ती का फैसला वापिस किया जाए और कृषि वि.वि. पालमपुर व हि.प्र.वि.वि. शिमला में स्थाई कुलपति की नियुक्ति शीघ्र की जाए. अनुभव ने बताया कि शिक्षण संस्थानों की तालाबंदी करना बंद की जाए और प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालय में शोधार्थी की छात्रवृति प्रदान की जाए. इसके अलावा प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए और प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थानों में युगानुकुल पाठ्यक्रम को शुरू किया जाए.