बद्दी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से गई मासूम की जान? अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल
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बद्दी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से गई मासूम की जान? अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल

Solan News: सोलन जिले के बद्दी में चिकित्सक की लापरवाही से एक मासूम बच्चे की मौत की खबर आ रहे है. बच्चे के पिता का कहना है कि समय पर इलाज न करने से बच्चे की मौत हो गई. पूरा मामला जानने के लिए नीचे खबर पढ़े-

 

बद्दी अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से गई मासूम की जान? अस्पताल प्रशासन पर उठे सवाल

Himachal Pradesh/नंद लाल: बद्दी अस्पताल के एक चिकित्सक की लापरवाही से एक चार साल के बच्चे की मौत हो गई है. बद्दी अस्पताल से बच्चे का पिता अपने बीमार बेटे को पीजीआई ले गया लेकिन वहां तक पहुंचने से पहले बच्चे ने दम तोड़ दिया. 

चंबा के सलूनी निवासी विपन झाड़माजरी में निजी कंपनी में काम करता है. उसके चार साल के बेटे पियूष की सोमवार शाम को अचानक तबियत खराब हो गई. उसे लगातार खांसी हो रही थी. ड्यूटी से जैसे ही वह घर पर आया तो उसकी पत्नी ने उसे बच्चे के बीमार होने के बारे में जानकारी दी.

उसने तुरंत साथ लगती मेडिकल शाप से उसे खांसी की दवाई लेकर दी. मेडिकल शाप में तैनात फार्मासिस्ट ने उसे कहा कि बच्चे को साढ़े पांच एमएल दवाई पीने के दे दो. लेकिन उसकी खांसी बंद नहीं हुई. वह अपनी पत्नी व दूसरे बच्चे को साथ लेकर मध्य रात्रि को बद्दी अस्पताल पहुंचा. वहां पर तैनात चिकितस्क अपने कमरे में आराम कर रहा था. वहीं पर तैनात सुरक्षा कर्मी व चौकीदार भी नशे में था. 

चौकीदार बच्चे को उस कमरे में ले गया जहां पर चिकित्सक सोया हुआ था. चिकित्सक ने रजाई से मुंह निकाल कर उसे यह कहा कि अभी यहां पर कोई दवाई नहीं है. सुबह के साढ़े तीन बज गए है उसे सुबह लेकर आना. जिस पर विपिन अपनी पत्ती व बीमार बच्चे को लेकर अस्पताल के आगे बैंच पर बैठा रहा. बच्चे की तबियत ठीक होने की बजाए और बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया. दो घंटे तक बेहोशी की हालत में वह सुबह होने का इंतजार करने लगा और चिकित्सक चुपचाप सौ गया.

उसके बाद विपिन टेंपू स्टैंड पर गया और वहां से एक टैंपू लेकर अस्पताल आया और बच्चे व पत्नी को लेकर झाड़माजरी कमरे गया. सुबह बच्चे की ज्यादा तबीयत खराब होती देखकर वह बाहर निकला और कमरे के आगे एक गाड़ी खड़ी थी जिसके शीशे पर नंबर लिखा था. उसने उस नंबर पर काल किया और गाड़ी चालक उसी समय आ गया और उसे लेकर पीजीआई गया लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी और बच्चे ने वहां पर पहुंचते ही दम तोड़ दिया.

वही इस पूरे मामले पर डॉक्टर का कहना है कि जब यह रात को बच्चे को लेकर आए थे तो उन्होंने उनसे पूछा था कि बच्चे को कौन सी दवाई दी है जिस पर उन्होंने बताया था कि बच्चे को प्राइवेट दुकान से खांसी की दवाई दी है जिसकी मात्रा उनके द्वारा ज्यादा दी गई थी और बच्चा नशे में था जिसके बाद उन्होंने बच्चे को सुबह अस्पताल दोबारा लाने के लिए कहा था क्योंकि बच्चा दवाई के नशे में था और उस समय तक बच्चा ठीक दिखाई दे रहा था.

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