ऊंना में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकार से की मांग
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ऊंना में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकार से की मांग

ऊंना में दैनिक वेतन भोगी  और अनुबंद कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. ऐसे में उनका समर्थन करने के लिए कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा भी वहां पहुंच गए हैं.

ऊंना में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने किया अनिश्चितकालीन हड़ताल, सरकार से की मांग

राकेश मलही/ऊंना: ऊंना में दैनिक वेतन भोगी  और अनुबंद कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. ऐसे में उनका समर्थन करने के लिए कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा भी वहां पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा कि साल 2017 में बनी पॉलिसी को  अब तक सीएम जयराम सरकार ने लागू नहीं किया. 

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हिमाचल के जिला ऊंना में आज कंडी प्रोजेक्ट के तहत काम कर रहे हैं दैनिक वेतन भोगी और अनुबंध कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठ गए हैं. इन कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल करने की बात पर कहा कि दैनिक भोगी के तौर पर पिछले कई सालों से हम सभी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इनको नियमित किए जाने को लेकर सरकारों द्वारा कोई पहल नहीं की गई है. 

बता दें, साल 2017 में इनके लिए एक पॉलिसी बनाई गई थी, लेकिन सत्ता बदलते ही वह पॉलिसी भी ठंडे बस्ते में पड़ गई आज पॉलिसी बने 5 साल होने को है, लेकिन उस पॉलिसी को अभी तक लागू नहीं किया गया है. ऐसे में इनकी मानें, तो कुछ ऐसे भी कर्मचारी है जो रिटायरमेंट पर बैठे हैं और उनकी  सैलरी प्रतिमाह 8,000 रुपये है.ऐसे में परिवार का पालन पोषण करना उनके लिए मुश्किल हो रहा है इसलिए वह मजबूर होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैंय कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है. वह हड़ताल पर ऐसे ही डटे रहेंगे. 

वहीं,  कर्मचारियों द्वारा हड़ताल किए जाने को लेकर उनका हालचाल जानने के लिए कांग्रेस विधायक सतपाल रायजाद धरना स्थल पर पहुंचे.  कांग्रेस विधायक ने इस मौके पर कहा की दैनिक भोगी कर्मचारी पिछले कई सालों से विभिन्न भागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनके लिए 2017 में कांग्रेस सरकार द्वारा एक पॉलिसी बनाई गई थी, लेकिन सत्ता बदलते ही नई सरकार द्वारा उस पॉलिसी को आज तक लागू नहीं किया गया.

उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में महिलाओं और अन्य कर्मचारी को  8,000 से लेकर 15,000 के बीच में सैलरी दी जा रही है. ऐसे में इन लोगों को परिवार का पालन पोषण करना काफी मुश्किल हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार आम जनता के लिए होती है ताकि जनता को सहुलियत प्रदान की जा सके ना कि उनका खून चूसा जाए. उन्होंने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों से प्रदेश की जनता परेशान है.  प्रदेश की जनता में इसको लेकर काफी आक्रोश है जिसका बदला जनता वोट देकर निकालेगी. 

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