Paragliding Accident: हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग के दो दुखद हादसों ने सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ा दी हैं. धर्मशाला के पास इंद्रुनाग में उड़ान भरने के दौरान गुजरात के एक पर्यटक की मौत हो गई, जबकि कुल्लू के पास मध्य हवा में टक्कर लगने से तमिलनाडु के एक पर्यटक की मौत हो गई.
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Himachal Pradesh: पिछले दो दिनों में कुल्लू और कांगड़ा जिलों में अलग-अलग 'टेंडम पैराग्लाइडिंग' दुर्घटनाओं में दो पर्यटकों की मौत हो गई, जिससे हिमाचल प्रदेश में साहसिक खेलों में सुरक्षा मानकों पर सवाल उठ रहे हैं. 17 जनवरी को कुल्लू जिले की गार्सा घाटी में दो पैराग्लाइडरों की हवा में टक्कर में तमिलनाडु के एक पर्यटक की मौत हो गई और पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया. 28 वर्षीय ए जयेश ने कुल्लू के एक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया. पायलट अश्विनी कुमार, 27 को चंडीगढ़ के PGIMER में रेफर किया गया. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और दुर्घटना की जांच कर रही है.
दूसरी घटना में, 18 जनवरी को कांगड़ा जिले के धर्मशाला में इंद्रुनाग पैराग्लाइडिंग साइट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद पायलट द्वारा पैराग्लाइडर को दुर्घटनाग्रस्त करने से गुजरात की 19 वर्षीय लड़की की मौत हो गई. भावेश्वर खुशी और मुनीश कुमार को धर्मशाला के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां खुशी ने दम तोड़ दिया. मुनीश को टांडा के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है.
हिमाचल प्रदेश में इस महीने पैराग्लाइडिंग दुर्घटना में यह तीसरी मौत है. 8 जनवरी को कुल्लू जिले के मनाली के पास रायसन गांव में पैराग्लाइडिंग दुर्घटना में तेलंगाना के एक पर्यटक की मौत हो गई थी. मृतक, 32 वर्षीय महेश रेड्डी, तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के आरके पुरम के निवासी थे, उन्हें पास के कुल्लू अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी चोटों के कारण उनकी मौत हो गई. रेड्डी अपने दोस्तों के साथ छुट्टी मनाने मनाली आए थे और पैराग्लाइडिंग करने के लिए रायसन में रुके थे. विशेषज्ञों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में पैराग्लाइडिंग दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण पायलट की गलती है, साथ ही स्थानीय प्रशासन द्वारा कमजोर नियमन भी है.