Hamirpur News: हमीरपुर की छह पंचायतों में बेटों से अधिक पैदा बेटियां हुई हैं. जनवरी से दिसंबर 2024 तक के आंकड़ों में इन छह पंचायतों को लिंगानुपात में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है.
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Hamirpur News: केंद्र सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को हमीरपुर जिला ने सार्थक साबित किया है. आज बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं है, जिसका नतीजा है कि लिंगानुपात में सकारात्मक सुधार हुआ है.
हमीरपुर जिला में छह पंचायतें ऐसी हैं, जिनमें एक साल में बेटों के मुकाबले बेटियों ने अधिक जन्म लिया है. नादौन उपमंडल की किटपाल पंचायत में बेटों के मुकाबले तीन गुणा अधिक बेटियों ने जन्म लिया है, जबकि एक पंचायत ऐसी भी है, जिसमें एक साल में केवल एक बेटे ने जन्म लिया जबकि आठ बेटियां इस दुनिया में आई हैं.
जनवरी से दिसंबर तक के आंकड़ों में इन छह पंचायतों को लिंगानुपात में सर्वश्रेष्ठ आंका गया है. बेटियों के जन्म का अच्छा रिकॉर्ड दर्ज करने वाली इन पंचायतों की देखभाल करने वाली संबंधित सीडीपीओ को तीन हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी जारी की गई है. हालांकि यह राशि भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर ही खर्च करनी होगी. प्रत्येक ब्लॉक की एक पंचायत को लिंगानुपात में बेहतर आंका गया है.
आपको बता दें कि हमीरपुर जिले के अंतर्गत ब्लॉक भोरंज, बिझड़ी, हमीरपुर, नैदून, सुजानपुर और टौणी देवी की एक-एक पंचायत में लिंगानुपात बेहतर पाया गया है. भोरंज की ग्राम पंचायत बाहनवीं में एक साल में 23 बच्चों ने जन्म लिया.
इनमें आठ बेटे और 15 बेटियां शामिल हैं। जबकि बिझड़ी ब्लॉक की टिक्कर राजपुतां पंचायत में एक साल में 10 बच्चों ने जन्म लिया, जिनमें तीन लड़के और सात लड़कियां हैं. इसी तरह हमीरपुर की ललीण पंचायत में एक साल में कुल नौ बच्चों ने जन्म लिया, जिनमें एक लड़का और आठ लड़कियां शामिल हैं.
वहीं, उपमंडल नादौन के किटपाल में वर्ष 2024 में 22 बच्चों ने जन्म लिया, जिनमें पांच बेटे और 17 बेटियों ने जन्म लिया. सुजानपुर की पनोह पंचायत भी लिंगानुपात में बेहतर पाई गई है. यहां एक साल में जन्मे 29 बच्चों में से 10 बेटे और 19 बेटियां दर्ज की गई हैं.
टौणी देवी की काले अबन पंचायत में एक साल में 14 बच्चों ने जन्म लिया. इनमें चार बेटे और दस बेटियां शामिल हैं. इन ब्लॉकों की सीडीपीओ को महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से तीन-तीन हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि जारी की गई है. जाहिर है कि केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया गया था.
इस अभियान का उद्देश्य लोगों को बेटियों की सुरक्षा के प्रति जागरूक कर लिंगानुपात में सुधार लाना है. केंद्र सरकार की यह मुहिम रंग ला रही है और हमीरपुर जिला में बेटियों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग हमीरपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जिला हमीरपुर के छह ब्लॉक में से प्रत्येक की एक पंचायत लिंगानुपात में बेहतर पाई गई है.
उन्होंने बताया कि इन पंचायतों में एक वर्ष में बेटों की अपेक्षा बेटियों का जन्म अधिक हुआ है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सीडीपीओ को प्रोत्साहन राशि भी जारी कर दी गई है, जिसे जागरूकता पर ही खर्च किया जाएगा.