Bharat Ratna: भारत में जब भी पुरस्कारों का जिक्र होता है तो सबसे पहले भारत रत्न का नाम आता है. यह देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जो विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए दिया जाता है. पिछले साल पांच भारत रत्न पुरस्कारों की घोषणा की गई थी. यह पुरस्कार कर्पूरी ठाकुर, लाल कृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, पी.वी. नरसिम्हा राव और एम.एस. स्वामीनाथन को दिया गया था.
देश के राष्ट्रपति के हाथों मिलने वाले इस सम्मान के साथ-साथ सम्मानित व्यक्ति को सरकार की ओर से कई सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं. उन्हें क्रमवार प्राथमिकता दी जाती है और विशेष सरकारी कार्यक्रमों में भी आमंत्रित किया जाता है.
क्या आप जानते हैं कि भारत रत्न सम्मान समारोह में क्या दिया जाता है और यह पदक किस धातु से बना होता है और भारत सरकार यह विशेष पुरस्कार किससे बनवाती है? आइए जानते हैं…
भारत रत्न में सोना या चांदी नहीं
अगर आपको लगता है कि प्रतिष्ठित पुरस्कार भारत रत्न को बनाने में सोने या चांदी का इस्तेमाल होता है, तो आप गलत हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र और एक पदक दिया जाता है.
यह पदक पीपल के पत्ते जैसा दिखता है और शुद्ध तांबे से बना होता है. इसकी लंबाई 5.8 सेमी, चौड़ाई 4.7 सेमी और मोटाई 3.1 सेमी होती है. इस पत्ते पर प्लैटिनम से बना चमकता हुआ सूरज बना होता है. पीपल के पत्ते का किनारा भी प्लैटिनम से बना होता है. भारत रत्न के दूसरे हिस्से में नीचे की तरफ हिंदी में 'भारत रत्न' लिखा होता है. पीछे की तरफ अशोक स्तंभ के नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा होता है.
यहां बनता है भारत रत्न
भारत रत्न देश में सिर्फ एक ही जगह बनता है. भारत सरकार इसे बनाने की जिम्मेदारी कोलकाता मिंट को देती है. यहां अनुभवी कारीगरों की मेहनत से यह पदक तैयार होता है. 1757 में स्थापित कोलकाता मिंट अपनी स्थापना के बाद से ही भारत रत्न का निर्माण कर रहा है. पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्म श्री और परमवीर चक्र जैसे अन्य पुरस्कार भी इसी मिंट में तैयार किए जाते हैं.
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