Delhi Chunav 2025: मां का, हार का, पार्टी का... क्या सबका बदला ले पाएंगे संदीप दीक्षित?

Sandeep Dikshit Delhi Chunav: कांग्रेस ने नई दिल्ली विधानसभा सीट से संदीप दीक्षित को टिकट दिया है. संदीप दिल्ली की पूर्व CM और कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित के बेटे हैं. वे केजरीवाल के धुर विरोधियों में गिने जाते हैं.

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Dec 13, 2024, 12:41 PM IST
  • कांग्रेस का वोट शेयर लगातार गिर रहा
  • इस बार कड़ा मुकाबला देने की ठानी
Delhi Chunav 2025: मां का, हार का, पार्टी का... क्या सबका बदला ले पाएंगे संदीप दीक्षित?

नई दिल्ली: Sandeep Dikshit Delhi Chunav: दिल्ली में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए 21 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. लिस्ट में सबसे चौंकाने वाला नाम संदीप दीक्षित का था, जो पूर्व CM और कांग्रेस की दिग्गज नेता शीला दीक्षित के बेटे हैं. संदीप दीक्षित को सबसे हाई प्रोफाइल नई दिल्ली सीट से टिकट मिला है. ये अरविंद केजरीवाल की सीट है. हालांकि, अभी तक AAP ने यहां पर कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है. 

केजरीवाल के धुर विरोधी
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित पूर्व CM अरविंद केजरीवाल के धुर विरोधी हैं. जब-जब कांग्रेस ने आप के साथ गठबंधन किया है, संदीप दीक्षित ने इसका विरोध किया है. लोकसभा चुनाव में आप से कांग्रेस का गठबंधन होने पर संदीप ने कहा था- आत्मसम्मान से बड़ी कोई चीज नहीं. अपने सम्मान को छोड़ हम इसके (केजरीवाल) साथ खड़े हो रहे हैं.

मां की हार
संदीप दीक्षित की केजरीवाल से खीझ की वजह 2013 का विधानसभा चुनाव भी है. दरअसल, नई दिल्ली सीट 2008 में बनी. परिसीमन पहले ये गोल मार्केट सीट हुआ करती थी. शीला दीक्षित 1998 और 2003 में यहां से चुनाव जीती थीं. 2008 में परिसीमन के बाद वे नई दिल्ली में चुनाव जीतीं. लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को यहां से चुनाव हरा दिया. केजरीवाल को 44,269 वोट मिले. शीला दीक्षित को 18,405 वोट मिले. केजरीवाल ने दीक्षित को 25864 के बड़े मार्जिन से चुनाव हराया.

पार्टी की हार
2013 के विधानसभा चुनाव में ही कांग्रेस पार्टी की केजरीवाल के हाथों करारी हार हुई. हार भी ऐसी हुई कि बीते दो चुनाव से पार्टी यहां पर खाता भी नहीं खोल पा रही है. 2013 में शीला दीक्षित के नेतृत्व में भी कांग्रेस मात्र 8 सीटें ही जीत पाई थी. केजरीवाल ने कांग्रेस के वोटर को अपनी ओर खींच लिया, जिस कारण पार्टी का बेस दिल्ली में लगातार कम होता गया. 2013 में कांग्रेस को 24% वोट मिला. 2015 के चुनाव में ये घटकर 9 प्रतिशत रह गया. 2019 के चुनाव में तो कांग्रेस पार्टी महज 4% वोट ही पा सकी.

केजरीवाल कहां से लड़ेंगे चुनाव?
दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया की सीट बदल दी गई है. उन्होंने पटपड़गंज छोड़ दी है, वे जंगपुरा से चुनावी मैदान में उतरे हैं. इसके अलावा, ज्यादातर सेटिंग विधायकों के टिकट काट दिए गए हैं. ऐसे में कयास हैं कि केजरीवाल भी अपनी सीट बदल सकते हैं. यदि वे नई दिल्ली सीट से ही चुनाव लड़ते हैं, तो उन्हें संदीप दीक्षित से कड़ी टक्कर मिल सकती है.  

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