नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन के सत्र से पहले सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने महापौर के चुनाव को बाधित करने के लिए अपने पार्षदों को पिछली बार जैसा हंगामा करने का निर्देश दिया है.
क्या अरविंद केजरीवाल होंगे जिम्मेदार?
भाजपा की दिल्ली इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह आम आदमी पार्टी (आप) ही है, जिसने अपने पार्षदों को ऐसा करने के लिए कहा है और अगर सदन की कार्यवाही स्थगित होती है, तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसके लिए जिम्मेदार होंगे.
दिल्ली के महापौर का चुनाव करने के लिए आज दोपहर बाद बुलाई गई एमसीडी सदन की बैठक में भी चुनाव नहीं हो सका और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. इससे पहले, दो अन्य मौकों पर भी चुनाव संपन्न नहीं हो सका था. इससे पहले, एमसीडी सदन का सत्र छह जनवरी और 24 जनवरी को आहूत किया गया था, लेकिन पीठासीन अधिकारी ने भाजपा एवं आप सदस्यों के हंगामे तथा उनके बीच तीखी नोकझोंक के बाद महापौर का चुनाव कराए बिना ही सदन की बैठक स्थगित कर दी थी.
किसने दिया चुनाव नहीं होने देने के निर्देश?
सिसोदिया ने एक ट्वीट में कहा, 'भाजपा ने अपने पार्षदों को आज फिर एमसीडी बैठक में महापौर चुनाव नहीं होने देने के निर्देश दिए हैं. भाजपा पार्षदों को कहा गया है कि सदन की कार्यवाही शुरू होते ही किसी बहाने से हंगामा कर देना. पीठासीन अधिकारी पिछली बार की तरह फिर से अनिश्चितकाल के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर देंगी. उपराज्यपाल फिर से 20 दिन बाद की तारीख़ देंगे.'
वहीं, सचदेवा ने कहा कि अगर सोमवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होती है, तो इसके लिए केजरीवाल जिम्मेदार होंगे. भाजपा नेता ने कहा, 'आम आदमी पार्टी को अपने बहुमत पर भरोसा नहीं है और उसने अपने पार्षदों को किसी भी मुद्दे पर हंगामा करके सदन की कार्यवाही स्थगित कराने का निर्देश दिया है. अगर सदन की कार्यवाही आज भी स्थगित होती है, तो इसके लिए अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार होंगे.'
कब मिलेगा दिल्ली को उसका महापौर?
दिल्ली नगर निगम (डीएमसी) अधिनियम, 1957 के अनुसार नगर निकाय चुनावों के बाद सदन के पहले ही सत्र में महापौर और उपमहापौर का चुनाव होना चाहिए. हालांकि, चार दिसंबर को हुए नगर निगम चुनाव को दो महीने हो चुके हैं और दिल्ली को अब तक महापौर नहीं मिला है.
इस बीच, भाजपा की दिल्ली इकाई ने अपने पार्षदों की परेड कराते हुए आरोप लगाया कि आप उनकी खरीद-फरोख्त करने की कोशिश कर रही है. करीब 10 वार्ड के भाजपा पाषर्दों ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि हाल में आप नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महापौर चुनाव में उसके (भाजपा के) उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए उनसे संपर्क किया था. भाजपा के आरोपों पर आप की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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