पाकिस्तान के कट्टर आलोचक को ट्रंप ने दी बड़ी ‌जिम्मेदारी, कौन हैं भारतीय मूल के पॉल कपूर जो उधेड़ देंगे बांग्लादेश की बखिया?
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पाकिस्तान के कट्टर आलोचक को ट्रंप ने दी बड़ी ‌जिम्मेदारी, कौन हैं भारतीय मूल के पॉल कपूर जो उधेड़ देंगे बांग्लादेश की बखिया?

Who Is Paul Kapur: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण एशियाई मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री के पद के लिए भारतीय मूल के पॉल कपूर को नामित किया है. पॉल जिन्हें पाकिस्तान का आलोचक माना जाता है. जानें उन्हें क्या मिलेगा काम और कौन हैं आखिर ये पॉल कपूर.

पाकिस्तान के कट्टर आलोचक को ट्रंप ने दी बड़ी ‌जिम्मेदारी, कौन हैं भारतीय मूल के पॉल कपूर जो उधेड़ देंगे बांग्लादेश की बखिया?

US Administration: अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टीम में एक और भारतीय मूल के आदमी की अहम भूमिका होने वाली है. 2025 में सत्ता संभालने के साथ ही ट्रंप ने अपनी नई टीम में बहुत ही सोच समझकर लोगों को रखा है. तभी तो दक्षिण एशियाई सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञ पॉल कपूर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दक्षिण एशियाई मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री के रूप में नामित किया है. अगर कपूर को सीनेट से मंजूरी मिल जाती है तो वह डोनाल्ड लू की जगह लेंगे. अमेरिकी विदेश विभाग ने जनवरी में पुष्टि की थी कि दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू का कार्यकाल 17 जनवरी, 2025 को समाप्त हो गया है.

दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक का क्या होता है काम?
दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों का ब्यूरो अमेरिका की विदेश नीति और अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ अमेरिकी संबंधों से जुड़े मामलों को देखता है.

कौन हैं भारतीय मूल के पॉल कपूर?
भारतीय मूल के कपूर वर्तमान में ‘यूनाइटेड स्टेट्स नेवल पोस्टग्रेजुएट स्कूल’ के राष्ट्रीय सुरक्षा मामला विभाग में प्रोफेसर हैं. वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के हूवर इंस्टीट्यूशन में विजिटिंग फेलो भी हैं. दक्षिण एशियाई राजनीति के विशेषज्ञ के रूप में, वह पाकिस्तान के आलोचक रहे हैं. 2020 से 2021 तक, उन्होंने दक्षिण और मध्य एशिया, इंडो-पैसिफिक रणनीति और यूएस-भारत संबंधों से संबंधित मुद्दों पर काम करते हुए स्टेट डिपार्टमेंट के पॉलिसी प्लानिंग स्टाफ में काम किया है.उन्होंने वर्ष 2020-21 के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के नीति नियोजन कर्मचारी के रूप में सेवाएं दी. 

पाकिस्तान पर लिखी किताब
इस विभाग में कपूर दक्षिण और मध्य एशिया, हिंद-प्रशांत रणनीति और अमेरिका-भारत संबंधों से जुड़े मामलों पर काम कर चुके हैं. वह ‘‘इंडिया, पाकिस्तान एंड द बम: डिबेटिंग न्यूक्लियर स्टेबिलिटी इन साउथ एशिया’ के सह-लेखक और ‘द चैलेंजेज ऑफ न्यूक्लियर सिक्योरिटी: यूएस एंड इंडियन पर्सपेक्टिव्स’ के सह-संपादक भी हैं.’’ कपूर ने शिकागो विश्वविद्यालय से पीएचडी की. कपूर रक्षा विभाग के लिए अमेरिका-भारत ट्रैक 1.5 रणनीतिक वार्ता के साथ-साथ दोनों देशों के बीच अन्य वार्ता को दिशा प्रदान की. ट्रंप के प्रशासन में प्रमुख पदों पर भारतीय मूल के कई व्यक्ति शामिल हैं, जिनमें एफबीआई निदेशक के रूप में काश पटेल और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर व्हाइट हाउस के नीति सलाहकार के रूप में श्रीराम कृष्णन शामिल भी शामिल हैं.

बांग्लादेश की अब खैर नहीं?
जब से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में मोहम्मद यूनुस पश्चिम से ढाका आये हैं, तब से वहां अल्पसंख्यक हिंदुओं पर जमकर अत्याचार हो रहा है. डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह चुनाव से पहले हिंदुओं के समर्थन में बात कही थी, अब सत्ता के बाद बांग्लादेश पर उनकी क्या नीति होगी वह इस बात से तय हो गया है ‌कि इस काम के लिए भारतीय मूल के आदमी को सत्ता दे दी है. बाकी असली कहानी क्या होगी यह तो समय बताएगा. इनपुट भाषा से भी

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