रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप करने वाले हैं बड़ा ऐलान, फोन पर पुतिन और जेलेंस्की से हो गई बात
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रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप करने वाले हैं बड़ा ऐलान, फोन पर पुतिन और जेलेंस्की से हो गई बात

Ukraine peace talks: इस बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रूस यूक्रेन मामलों के लिए ट्रंप के विशेष दूत जनरल कीथ केलॉग इस सप्ताह जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होने वाले हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप करने वाले हैं बड़ा ऐलान, फोन पर पुतिन और जेलेंस्की से हो गई बात

Trump Russia Ukraine war: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने बताया कि उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर लंबी बातचीत हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने युद्ध समाप्ति के लिए बातचीत शुरू करने पर सहमति जताई. ट्रंप ने कहा कि वह और पुतिन बहुत नजदीकी से साथ मिलकर काम करेंगे ताकि इस संघर्ष को खत्म किया जा सके. इस कदम को अमेरिका की मौजूदा नीति में बड़ा बदलाव माना जा रहा है क्योंकि अब तक वाशिंगटन यूक्रेन को खुला समर्थन देता आया है.

यूक्रेन से भी हुई चर्चा.. बताया अच्छी बातचीत
ट्रंप ने पुतिन के अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी फोन पर बातचीत की. यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार दमित्रो लित्विन ने इस बातचीत को अच्छी और सकारात्मकबताया लेकिन इस पर ज्यादा जानकारी साझा नहीं की. इस बीच अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस विदेश मंत्री मार्को रूबियो और रूस यूक्रेन मामलों के लिए ट्रंप के विशेष दूत जनरल कीथ केलॉग इस सप्ताह जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होने वाले हैं, जहां जेलेंस्की भी मौजूद रहेंगे. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस सम्मेलन के दौरान रूस यूक्रेन संघर्ष को लेकर बड़े स्तर पर चर्चा हो सकती है.

नाटो सदस्यता पर झटका, अमेरिका ने बदला रुख
अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने नाटो मुख्यालय ब्रसेल्स में यह स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन की नाटो सदस्यता की उम्मीद "अव्यावहारिक" है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी देने की जिम्मेदारी अब यूरोपीय देशों की होगी. यह बयान अमेरिका की पूर्व नीति से बिल्कुल अलग है, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन की नाटो सदस्यता का समर्थन किया था. अमेरिका की इस नई नीति से यूक्रेन को झटका लग सकता है, क्योंकि वह अब तक अमेरिका और नाटो के समर्थन पर निर्भर था.

कैदियों की अदला बदली बनी वार्ता की नींव
पुतिन और ट्रंप की इस बातचीत की शुरुआत रूस और अमेरिका के बीच कैदियों की अदला बदली से हुई. रूस ने अमेरिका में कैद अपने नागरिक एलेक्जेंडर विन्निक की रिहाई के बदले पेनसिल्वेनिया के शिक्षक मार्क फोजेल को छोड़ने पर सहमति जताई. इस समझौते को लेकर ट्रंप ने कहा कि यह रूस और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संवाद को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है. इस कदम के बाद ही पुतिन और ट्रंप के बीच युद्ध समाप्ति पर वार्ता का रास्ता खुला.

यूरोप को उठाना होगा सैन्य और वित्तीय सहायता का भार
ट्रंप प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया कि अमेरिका यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य और वित्तीय सहायता की जिम्मेदारी अब यूरोपीय देशों पर डालना चाहता है. रक्षा मंत्री हेगसेथ ने यह संकेत दिया कि यदि कोई संभावित शांति रक्षा बल तैनात किया जाता है, तो उसमें अमेरिकी सैनिक शामिल नहीं होंगे. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस बल का सामना रूसी सेना से होता है, तो उन्हें नाटो के अनुच्छेद पांच के तहत सुरक्षा नहीं दी जाएगी. इस नए रुख से स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका अब इस संघर्ष से खुद को अलग करने और यूरोपीय देशों को आगे लाने की रणनीति पर काम कर रहा है. एजेंसी इनपुट

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