Tick Borne Disease: वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रिटेन में खटमल से संबंधित बीमारियां तेजी से फैल सकती है. ये कभी भी वायरस का रूप ले सकती है. इससे शरीर लंबे समय तक कमजोर रहता है.
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Tick Borne Disease: ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने खटमलों से जुड़ी बीमारियों के आतंक के फैलने को लेकर चेतावनी जारी की है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह समस्या वायरस का रूप ले सकती है. TBE या टिक बोर्न एन्सेफलाइटिस एक तरह का वायरस है, जो खटमल के काटने से लाइम बीमारी की तरह फैलता है. ये दोनों समस्याएं ही शरीर को लंबे समय तक नुकसान पहुंचाती हैं.
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बढ़ा बीमारी का खतरा
टिक बोर्न एन्सेफलाइटिस की बीमारी अबतक केवल यूरोप और एशिया के कुछ हिस्सों में देखी जा रही थी. इसे ब्रिटेन के लिए अबतक कोई नुकसान नहीं बताया गया था. कुछ मामलों में TBE के कोई लक्षण नहीं नजर आते तो वहीं कुछ मामलों में ये दिमाग में सूजन, न्यूरोलॉजिकल डैमेज या फिर सीधे मौत का खतरा बढ़ाते हैं.
ढीली हो जाती हैं दिमाग की नसें
एक मेडिकल स्टडी के मुताबिक TBE की मृत्यु दर 0.5 प्रतिशत है. वहीं इस बीमारी से प्रभावित मरीजों में लंबे समय तक दिमाग में होने वाली समस्या 2.5 प्रतिशत थी. स्टडी में यह भी पुष्टि की गई कि TBE इस वक्त ब्रिटेन में खटमल की अधिक आबादी वाले इलाकों में काफी फैला हुआ है. विशेष रूप से थेटफोर्ड फॉरेस्ट, हैम्पशायर, स्कॉटलैंड और यॉर्कशायर में ये अधिक फैला है. कुछ सालों तक यह समस्या बाहरी देश से आने वाले लोगों में देखी जाती थी, हालांकि साल 2019 में पहली बार यूके के अंदर TBE का मामला देखा गया.
फ्लू जैसे होते हैं लक्षण
TBE से ग्रसित लोगों में फ्लू जैसे लक्षण देखे गए, जो बाद में कन्फ्यूजन और गतिभ्रम जैसी न्यूरोलॉजिकल समस्या बनी. सपोर्टिव केयर के बाद इन मरीजों के स्वास्थ्य में बदलाव देखा गया. शोधकर्ता साल 2013 और साल 2023 के बीच ठीक हुए TBE के मामलों का रिकॉर्ड लेकर इनका विश्लेषण करने के बाद इस निष्कर्ष तक पहुंचे.