Bangladesh Hindu Crisis: बांग्लादेश के निर्माण के लिए जिन लाखों हिंदुओं ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जान की बाजी लगा दी थी, अब उन्हीं को काफिर घोषित करके सबक सिखाने का ऐलान किया जा रहा है.
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Bangladesh Hindu Crisis Update: बांग्लादेश को लेकर जो भविष्यवाणियां की जा रही थीं. वो अब धीरे धीरे सच होती जा रही हैं. तख्तापलट के बाद जिस तरह से मुल्क का तख्त ओ ताज कट्टरपंथियों के हाथ में गया, उसके बाद से ये अंदाजा लगाया जा रहा था कि अब इस्लामिक कट्टरपंथी बेकाबू हो जाएंगे. इसी बेकाबू भीड़ के कुछ वीडियोज अब सामने आए हैं. जिसे देखकर ये कहा जा रहा है कि ये बांग्लादेश में शरिया कानून लागू होने की शुरुआत है. अगर इसे नहीं रोका गया तो बांग्लादेश सिर्फ हिंदुओं के लिए ही नहीं बल्कि महिलाओं के लिए भी नर्क बन जाएगा.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का सिलसिला शुरू
तकरीरों में जो कहा जा रहा था, वो अब बांग्लादेश में हकीकत बन गया है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार के बाद अब एक नया दौर शुरू हुआ है. शरिया कानून को लागू करने का. जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उससे तो यही कहा जा सकता है कि बांग्लादेश में कथित तौर पर शरिया कानून लागू हो गया है.. और इसका पहला सबूत भी सामने आ गया है.
बांग्लादेश में शरिया कानून!
सबूत नंबर 1
रिपोर्ट के मुताबिक ढाका के सलीमुद्दीन मेडिकल कॉलेज में स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे थे. तभी कट्टरपंथी विचारधारा वाले कुछ संगठन के लोग कॉलेज कैंपस में घुसे और वहां पढ़ रही छात्राओं को बाहर निकाल दिया. आरोप है कि जमात ए इस्लामी और हिज्बुत तहरीर से जुड़े लोग लाठी डंडे लेकर कॉलेज कैंपस में पहुंचे और छात्राओं को डराने धमकाने लगे. उन्होंने नारेबाजी करते हुए भीड़ ने मानो पूरे कॉलेज में तांडव मचाया. क्लासरूम में प्रोफेसर की मौजूदगी में ये सब चलता रहा लेकिन कट्टरपंथियों को रोकने वाला कोई भी नहीं है. रोके भी कौन.. सत्ता तो इन्ही के हाथों में है.
सबूत नंबर 2
एक तरफ जहां कॉलेज और यूनिवर्सिटीज से छात्राओं को बाहर किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ जो छात्राएं इसके खिलाफ आवाज उठा रही हैं उनके साथ क्या व्यवहार किया जा रहा है इन तस्वीरों में देखिए. स्टूडेंट लीग के कार्यकर्ताओं या यूं कहें कट्टरपंथियों ने राजशाही महिला कॉलेज में पिया नाम की एक छात्रा की सरेआम पिटाई कर दी. चौंकाने वाली बात तो ये है कि उस वक्त कॉलेज का सिक्योरिटी.. पुलिस सब मौके पर मौजूद थे. अब इसे शरिया न कहा जाए तो क्या कहा जाए.
सबूत नंबर 3
बांग्लादेश के कॉलेज-यूनिवर्सिटी तो मानो कट्टरपंथियों का गढ़ बन गए हैं. ढाका यूनिवर्सिटी की मधु कैंटीन में कट्टरपंथी जिंदा गाय लेकर पहुंच गए और सरेआम गोकशी करने का ऐलान कर दिया. दरअसल हिंदू कैंटीन में बीफ बनाने की मांग करते हुए कुछ कट्टरपंथियों ने तांडव कर दिया. अब सवाल उठता है कि जब एक हिंदू शख्स ने इस कैंटीन की स्थापना की. जब यहां कभी बीफ बना ही नहीं तो फिर कट्टरपंथियों की इस हरकत को क्या ही कहा जाए. एक तरफ जहां बांग्लादेश में कथित शरिया कानून लागू हो गया है तो वहीं बांग्लादेश का हिंदू भी जाग रहा है.
उत्पीड़न के खिलाफ जाग रहा हिंदू
बांग्लादेश के ठाकुरगांव में तख्तापलट के बाद कट्टरपंथियों ने एक शिव मंदिर को तोड़ दिया था और फिर वहां जमीन पर कब्जा कर लिया था. लेकिन अब लोकल हिंदुओं ने कट्टरपंथियों से अपनी जमीन को वापस ले लिया है और महादेव के शिवलिंग को फिर से स्थापित कर दिया गया है.
बांग्लादेश में हिंदुओं ने अपने हक के लिए अब लड़ने की ठान ली है और इसकी तस्वीर अभी चंद दिनों पहले चटगांव में दिखी थी. जहां हजारों लाखों हिंदू शहर के मुख्य चौराहे पर प्रदर्शन करने उतर गए थे. हिंदुओं पर लगातार हो रहे अत्याचार के खिलाफ हिंदुओं ने भी यलगार कर दिया था.
अपने हक के लिए आवाज कर दी बुलंद
दरअसल बांग्लादेश में हिंदू घुट घुट कर जी रहा है. पहले जनमाष्टमी.. फिर नवरात्री का त्योहार आया. जहां हिंदू अपने अराध्य की पूजा तक नहीं कर पाए थे.. और अब दीपावली का त्योहार आ रहा है.. ऐसे में एक तरफ बांग्लादेश में कट्टरपंथी शरिया कानून लागू करने पर उतारू हैं तो वहीं हिंदुओं ने भी अपने हक की आवाज बुलंद कर दी है.