China: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. उनकी आर्थिक और विदेश नीतियों पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में सवाल उठना लगा है कि अगर जिनपिंग सत्ता से बाहर जाते हैं तो उनका अगला उत्तराधिकारी कौन होगा?
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China: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक सफल और शक्तिशाली शासक के तौर पर देखा जाता है, हालांकि पिछले कुछ समय से उनकी पॉपुलैरिटी में काफी कमी आई है. माना जा रहा है कि जिनपिंग की शक्ति और उनके प्रभाव में काफी कमी आ रही है. भले ही उनके नेतृत्व में चीनी अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति में बढ़ोत्तरी देखी गई हो, लेकिन अब उनकी नीतियों और कुछ फैसलों की आलोचना की जा रही है. ऐसे में सवाल ये है कि अगर जिनपिंग सत्ता से निकलते हैं तो उनका अगला उत्तराधिकारी कौन होगा?
जिनपिंग की आलोचना के कारण
कोविड 19 महामारी के दौरान चीन में काफी उथल-पुथल देखी गई थी. जिनपिंग की सरकार को कोविड के दौरान अपनी खराब नीतियों के कारण काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. ऐसा भी मानना है कि जिनपिंग ने चीनी समाज पर अपनी निगरानी बढ़ा दी है, जिससे कई लोगों में असंतोष फैला हुआ है. इसके अलावा पिछले कुछ समय से रूस और चीन के बीच संबंध भी मजबूत दिखे हैं, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता अधिक बढ़ गई है. इतना ही नहीं जिनपिंग सरकार की आर्थिक नीतियों को भी कमजोर माना जा रहा है, जिससे चीनी अर्थव्यवस्था में मंदी आ रही है. इन्हीं कारणों से चीन में जिनपिंग का विरोध बढ़ रहा है और उनका शक्तियों में कमजोरी आ रही है.
चीन की विदेश नीति
पिछले कुछ समय से चीन में जिनपिंग की फॉरेन पॉलिसी पर भी सवाल उठे हैं, देखा जाए तो जिनपिंग और उनकी पार्टी कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना ( CPC) ने खुद को दूसरों देशों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए कुछ भी नहीं किया है. चीन ने भारत और दक्षिण चीन सागर के कुछ इलाकों की जमीन हड़पी है और ताइवान के खिलाफ अपना शिकंजा कसा है. वहीं चीन ने शिनजियांग में ह्यूमन राइट्स को कुचला है और हांगकांग को भी अपने अधीन कर लिया है. चीन ने अपने पड़ोसी देश को तो नाराज किया है. साथ ही यूरोप-अमेरिका को भी चिंतित किया है.
सेना में भी बढ़ी मुश्किलें
चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ( PLA) में भी कई तरह की समस्याएं हैं, जिसमें राजनीतिक हस्तक्षेप, भ्रष्टाचार और सेना के कमांडर इन चीफ शी जिनपिंग का कमजोर नेतृत्व शामिल है. जब शी सत्ता में आए थे तब उन्होंने कहा था कि सारे फैसले एक ही अथॉरिटी के आधार पर लिए जाएंगे, हालांकि अब PLA भी इसके खिलाफ जाती हुई दिखाई दे रही है. चीन को लेकर देश-विदेश में बढ़ रही इस तरह की स्थितियों से अब वहां विपक्षी ताकतें धीरे-धीरे एक्टिव होने लगी हैं, हालांकि देश की ओरवेलियन सिक्योरिटी फिलहाल इन छोटी-बड़ी नाकामयाबी को छुपाने की पूरी कोशश कर रही है. अमेरिका के 'द जेम्सटाउन फाउंडेशन थिंक टैंक' के लिए लिखने वाली हांगकांग स्कॉलर विली वू लैप लैम का मानना है कि जिनिंपग फिलहाल मुश्किलों से घिरे हैं. उनकी खराब नीतियों के कारण उन्हें इस साल सत्ता से बाहर भी किया जा सकता है, हालांकि इसमें उनका उत्तराधिकारी कौन होगा ये पता करना थोड़ा मुश्किल है.
जिनपिंग का अगला उत्तराधिकारी कौन?
स्कॉलर विली वू लैप लैम का मानना है कि चीन फिलहाल सत्ता छोड़ने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है. वे मौजूदा उतार-चढ़ाव देखने के बावजूद सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखेंगे. वहीं अबतक उनके अगले उत्तराधिकारी से जुड़ी कोई रिपोर्ट्स भी सामने नहीं आई है. इससे पुष्टि की जा रही है कि जिनिंपग साल 2032 तक सत्ता में काबिज रहना चाहते हैं, हालांकि लैम का मानना है कि चीन में बड़ै पैमाने पर राजनीतिक उथल-पुथल के बीच जिनपिंग की राहें आसान नहीं होने वाली हैं.