Nepal Political Crisis: इस्तीफा नहीं दूंगा, करूंगा विश्वास मत का सामना... सियासी उठापटक के बीच नेपाल के पीएम प्रचंड की दो टूक
Advertisement
trendingNow12318642

Nepal Political Crisis: इस्तीफा नहीं दूंगा, करूंगा विश्वास मत का सामना... सियासी उठापटक के बीच नेपाल के पीएम प्रचंड की दो टूक

Nepal Politics News: पड़ोसी देश नेपाल में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के बीच गठबंधन और नई सरकार बनाने के लिए सहमति बनने की खबर है. इस बीच प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया है.

Nepal Political Crisis: इस्तीफा नहीं दूंगा, करूंगा विश्वास मत का सामना... सियासी उठापटक के बीच नेपाल के पीएम प्रचंड की दो टूक

Pushpa Kamal Dahal Prachanda: नेपाल के सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के बीच नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए सहमति बनने के बीच प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने पद से इस्तीफा नहीं देने का फैसला किया है. इस बीच, सूत्रों ने बताया कि मौजूदा गठबंधन को बचाने के लिए प्रधानमंत्री प्रचंड और सीपीएन-यूएमएल प्रमुख ओली के बीच वार्ता विफल हो गई है.  

प्रधानमंत्री प्रचंड ने विश्वास मत का सामना करने का फैसला किया

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के सचिव गणेश शाह ने बताया के पार्टी पदाधिकारियों की मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में पीएम प्रचंड ने कहा कि वह पद से इस्तीफा देने के बजाय संसद में विश्वास मत का सामना करना पसंद करेंगे. गणेश शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री प्रचंड ने विश्वास मत का सामना करने का फैसला किया है.’’ 

प्रचंड के डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान संसद में तीन बार विश्वास मत

69 साल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने अपने डेढ़ साल के कार्यकाल के दौरान संसद में तीन बार विश्वास मत हासिल किया है. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब नेपाल के दो सबसे बड़े दलों नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल ने प्रधानमंत्री प्रचंड को सत्ता से बेदखल करने के लिए एक नई ‘राष्ट्रीय सर्वसम्मति सरकार’ बनाने के लिए आधी रात को एक समझौता किया.

नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के पास बहुमत के आंकड़े

नेपाल के प्रतिनिधि सदन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के पास 89 सीट और सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं. दोनों दलों की संयुक्त संख्या 167 है जो 275 सदस्यीय सदन में बहुमत के 138 सीट के आंकड़े के लिए पर्याप्त है. नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए सोमवार आधी रात को समझौते पर हस्ताक्षर किए. 

सीपीएन-यूएमएल ने 4 महीने पहले ही प्रचंड सरकार को समर्थन दिया था

78 साल के शेर बहादुर देउबा और 72 साल के केपी शर्मा ओली ने दोनों दलों के बीच संभावित नए राजनीतिक गठबंधन की जमीन तैयार करने के लिए शनिवार को भी मुलाकात की थी. इसके बाद ओली की सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से रिश्ता खत्म कर लिया. उसने महज चार महीने पहले ही इस सरकार को अपना समर्थन दिया था. 

ये भी पढ़ें -  Nepal Politics: क्या जाने वाली है प्रचंड सरकार, 4 महीने में ही ओली ने वापस लिया समर्थन, नेपाली कांग्रेस और CPN-UML में समझौता

दो बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं केपी शर्मा ओली

रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों नेता नई सरकार बनाने, संविधान में संशोधन करने और सत्ता बंटवारे के फॉर्मूले पर बातचीत करने के लिए सहमत हुए. देउबा और ओली संसद के शेष कार्यकाल के लिए बारी-बारी से प्रधानमंत्री पद साझा करने पर सहमत हुए हैं. इससे पहले भी ओली दो बार नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं. वह दोनों बार अलग-अलग पार्टियों के साथ गठबंधन कर पीएम बने थे. इस बार बन रहे सियासी समीकरण को देखने से लगता है कि वह तीसरी बार भी पीएम बन सकते हैं. 

ये भी पढ़ें -  Upendra Kushwaha: राज्यसभा में मैच्योर आवाज या आगामी बिहार विधानसभा चुनाव, उपेंद्र कुशवाहा NDA के लिए कितने जरूरी हैं?

TAGS

Trending news