Mahakumbh News: महाकुंभ के 23वें दिन प्रयागराज के संगम तट से ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिसने चीन और जिनपिंग की टेंशन बढ़ा दी. भूटान नरेश भारत आए तो सीएम योगी ने मेहमान नवाजी में कोई कमी नहीं छोड़ी. अब भारत और भूटान की यही करीबी चीन की साजिशों को जख्मी कर रही है, वो कैसे आइए आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं.
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CM Yogi Bhutan Naresh: प्रयागराज में जारी महाकुंभ 2025 को लेकर सिर्फ देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में उत्साह है. लेकिन महाकुंभ के तेईसवें दिन प्रयागराज के संगम तट से ऐसी तस्वीरें सामने आईं जिसने चीन और जिनपिंग को बड़ी टेंशन दी है. दरअसल भूटान नरेश भारत आए तो सीएम योगी ने एयरपोर्ट से लेकर महाकुंभ स्नान तक मेहमान नवाजी में कोई कमी नहीं छोड़ी. लेकिन अब भारत और भूटान की यही करीबी चीन की साजिशों को जख्मी कर रही है, कैसे आइए आपको इस खास रिपोर्ट में बताते हैं.
यूं तो पिछले तीन हफ्तों के दौरान प्रयागराज महाकुंभ में कई देशों के विशेष अतिथि पहुंचे. पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई. लेकिन भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक का भारत आना और महाकुंभ में डुबकी लगाना चीन के लिए मानो सीने में नश्तर उतरने जैसा हो गया. भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक सोमवार को ही लखनऊ पहुंचे थे. जहां उनका स्वागत खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया.
सीएम योगी और भूटान नरेश ने नाव चलाई
जब भूटान नरेश लखनऊ से प्रयागराज के लिए रवाना हुए तब भी सीएम योगी उनके साथ ही थे. दोनों एक ही फ्लाइट में प्रयागराज पहुंचे. प्रयागराज पहुंचने के बाद योगी ने अपने ही अंदाज में भूटान नरेश वांगचुक को संगम पर बोटिंग करवाई. सीएम योगी के साथ साथ वांगचुक ने भी पक्षियों को दाना खिलाया और उसके बाद सीएम योगी के साथ सनातनी रंग में रंगे वांगचुक ने पवित्र त्रिवेणी की पूजा अर्चना की. उसके बाद योगी और वांगचुक ने पवित्र संगम में डुबकी लगाकर दुनिया के सामने भारत और भूटान के मजबूत रिश्तों की कहानी को और आगे बढ़ा दिया. डिजिटल महाकुंभ अनुभूति सेंटर में योगी और भूटान नरेश ने नाव भी चलाई.
भूटान नरेश का यही सनातनी अंदाज़ देख परेशान हुआ चीन, वजह भी जान लीजिए.
दरअसल भूटान और चीन के बीच उत्तर और पश्चिम हिमालय में क्षेत्र को लेकर विवाद है. इन विवादित जगहों में सबसे अहम है डोकलाम. जहां भारत और चीन की सेनाएं टकरा भी चुकी हैं. डोकलाम का इलाका भारत, भूटान और चीन ट्राई-जंक्शन के नजदीक है. भूटान और चीन दोनों ही इस इलाके को अपना बताते हैं और इस विवाद में भारत भूटान के साथ है.
- क्योंकि अगर चीन इस इलाके में पकड़ मजबूत करता है तो ये भारत के सिलीगुड़ी कॉरिडोर यानी चिकन नेक के लिए खतरा बन सकता है...
- दूसरी तरफ भारत के लिए भूटान सामरिक और कूटनीतिक नजरिये से भी बेहद अहम जगह पर है. क्योंकि भूटान की लोकेशन से भारत, चीन के साथ साथ नेपाल और बांग्लादेश के भी नजदीक पहुंच सकता है.
Bhutan China Border Tension : भूटान-चीन सीमा विवाद
भूटान-चीन सीमा का मुद्दा भी भारत-चीन के दशकों पुराने सीमा तनाव से जुड़ा है. भारत और चीन के बीच सीमाओं का साफ बंटवारा नहीं हुआ है. सीमा पर मौजूद कई इलाकों पर दोनों देश अपना-अपना दावा करते हैं. भारत कहता है कि दोनों देशों की सीमा 3,488 किलोमीटर है. वहीं चीन कहता है कि ये बस 2000 किलोमीटर ही है. ऐसे में भूटान और भारत की करीबी पर चीन का परेशान होना लाजमी है.
चीन लंबे समय से भूटान के साथ कूटनीतिक संबंध बनाने और भारत से भूटान के रिश्तों में दूरी लाने की कोशिश में है. लेकिन संगम नगरी से आई तस्वीरों ने जिनपिंग के हर मंसूबे पर पूरी तरह पानी फेर दिया है.