Pakistan News: पाकिस्तान की ज्यादातर आबादी अब मानने लगी है कि पीओके बहुत जल्द भारत का हिस्सा बन जाएगा. पाकिस्तान के विशेषज्ञों ने इस बात का एलान करना भी शुरू कर दिया है कि मुल्क को कई टुकड़ों में बंटने से अब कोई नहीं रोक सकता और इसकी वजह हैं पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और उनकी कारगुजारियां.
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Pakistan China Latest In: पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक ओर चीन, पाकिस्तान को गुलाम बनाना चाहता है. दूसरी ओर अफगानिस्तान, पाकिस्तान में अपनी मनमर्जी चलाना चाहता है, बलोचिस्तान, पाकिस्तान से अपना दामन छुड़ाना चाहता है. इस बीच पाकिस्तानी फौज के आका जनरल मुनीर अपनी अलग रूमानी दुनिया में जी रहे हैं. पाकिस्तान के घर-घर में जनरल साब की अय्याशी के चर्चे हैं. कहा जा रहा है जनरल मुनीर के रूप में 1971 में पाकिस्तान की लुटिया डुबोने वाले याहया खान का पुर्नजन्म हुआ है.
पाकिस्तानी जनरल क्यों भड़के?
पाकिस्तानी जनरल के बिगड़े मूड की वजह बताएं, उससे पहले पाकिस्तानी सोशल मीडिया और पड़ोसी देशों के टीवी चैनलों पर चली ब्रेकिंग न्यूज़ पढ़ लीजिए. ब्रेकिंग न्यूज़ ये है कि पड़ोसी देश में खबरें चल रही हैं कि आने वाले एक महीने में पाकिस्तान के भीतर नरसंहार हो सकता है. जिसकी सबसे बड़ी वजह होंगे पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर.
जिन्होंने कुछ दिन पहले कहा था, 'हमारे लिए जो पाकिस्तानियत है ना बस वही है, हम सभी पाकिस्तानी हैं, पाकिस्तानी फौज आजकल फसादियों के साथ लड़ रही है. जिनको समझ रहे हो, ये जिहाद कर रहे हैं ये खारजीस हैं, ये दीन से निकले हुए हैं, लेकिन इन्होंने इस्लाम को अपने हिसाब से परिभाषित कर लिया है और अल्लाह ताला ने इनके बारे में कहा है कि कत्ल कर दो उन्हें फांसी पर लटका दो, सूली पर लटका दो उनको उनके हाथ-पांव जगह-जगह से काट दो, अपनी जमीन से उनको दर-बदर कर दो. ये उनके लिए दुनिया की सज़ा है और आखिर में उन्हें बड़ा एज़ाब दिया जाएगा.'
चीन के नंबर-1 टारगेट पर PAK सेना प्रमुख?
दरअसल पाकिस्तानी आर्मी चीफ के गुस्से की वजह बना है पड़ोसी देश चीन और पड़ोसी देश चीन के नंबर-1 टारगेट पर आ गए हैं पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर. लेकिन क्यों और कैसे? इसे सिलसिलेवार तरीके से समझ लीजिए. असल में पाकिस्तानी सेना के एक पूर्व अधिकारी आदिल रजा ने दावा किया है कि आसिम मुनीर के कारण चीन और पाकिस्तान के संबंध लगातार खराब हो रहे हैं.
क्योंकि चीन को लगता है कि पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व रणनीतिक मजबूरियों के बहाने चीनी हितों और CPEC के खिलाफ काम कर रहा है. वो जानबूझकर पाकिस्तान में चाइनीज प्रोजेक्ट्स को लटका रहा है ताकि चीन से लंबे वक्त तक पैसे ऐंठे जाते रहें. दावा तो ये भी है कि पाकिस्तानी सेना के इशारे पर ही चीनी इंजीनियर का कर्मचारियों को निशाना बनाया जाता है.
सी-पैक में चूना?
पाकिस्तानी पत्रकार आरज़ू काज़मी ने एक डिबेट में कहा, 'पहले तो आप लोग जानते ही हैं कि सी-पैक का चूना तो हम लगा ही रहे हैं और हर बार कह देते हैं कि अभी और पैसा लगाओ, अभी और पैसा लगाओ. फिर कंप्लीट होगा. 11-12 साल होने को हैं, लेकिन सी-पैक में कुछ भी नहीं हुआ है. अब चीन है जो जंग आ गया है. चीन हमें जब भी कहता है कि तुम तो काम ही नहीं करते हो. हमारा पैसा ले-लेकर खा जाते हो तो हम उनके एक-दो लोग टपका देते हैं. उसके बाद वो चुप करके काम करने लग जाते हैं दासू डैम पर, उसके बाद जब चूं-चूं-चूं करने लग जाते हैं तो हम उन्हें वहीं पर ठां-ठां...'
यानि चीन पाकिस्तान के साथ भी वही चाल चल रहा है जो वो अमेरिका के साथ चल रहा था. लेकिन जिनपिंग अमेरिकन्स के मुकाबले चालाक निकले. ख़बर है कि पाकिस्तानी सेना को बाईपास करते हुए चीन की खुफिया एजेंसी MSS ने बलोचिस्तान और पाकिस्तान के अलगाववादी विद्रोहियों के साथ साथ सीक्रेट डील कर ली है. जिसके बाद बलोचिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले होने बंद हो गए हैं. अब पाकिस्तानी विद्रोही चुन-चुनकर पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं. जिससे आसिम मुनीर का पारा हाई है.
पाकिस्तानी एक्सपर्ट, डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने एक चैनल पर कहा, 'पाकिस्तान एक अनोखा मुल्क है दुनिया का जहां फौज सरकार चलाने में भी मशविरा देते है, सियासत भी फौज के मशविरे से चलती है. सामाजिक काम, विकास के काम भी फौज बताती है, तो बस ये आवाम की आंखों में धूल झोंक रहे हैं. तो कर्जों पर चल रहे हैं कोई ठोस प्लान हीं है इकोनॉमी को पैरों पर खड़ा करने के लिए और इस सारे में आर्मी चीफ बयान देते हैं.'
आपको बता दें कि BLA और TTP के साथ सीक्रेट डील से पहले चीन ने पाकिस्तान के सामने प्रोपोजल रखा था कि पाकिस्तान में चीन की सेना तैनात करने की जाए. मगर पाकिस्तान ने इसे संप्रभुता का हवाला देकर मानने से इनकार कर दिया. लेकिन चीन के लाल सुल्तान ने जिस तरह अब बीच का रास्ता निकालकर एक झटके में पाकिस्तानी सेना की अहमियत घटा दी है. उससे जनरल मुनीर बुरी तरह बौखलाए हुए हैं. पक्की ख़बर है कि अपनी भड़ास निकालने के लिए पाकिस्तानी सेना अब BLA या TTP के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन शुरू कर सकती हैं. जिसके पाकिस्तान का एक बड़ा तबका घबराया हुआ है. क्योंकि जनरल मुनीर का ये कदम पाकिस्तान पर बैकफायर कर सकता है.
पाकिस्तानी पत्रकार आलिया शाह, की बात मानें तो वो कहती हैं कि जो सिचुएशन इस वक्त पाकिस्तान की बनी हुई है दहशतगर्दी की तो इनको कुचला जाए. इनको खत्म करना बहुत जरूरी है. शरीफ फैमिली ये जो कि बड़े 2-3 नाम हैं, नवाज़ शरीफ और शहबाज़ शरीफ, मरियम नवाज कुछ और लोग इनको धमकी दी गई है. ये धमकी ना केवल पॉलिटिकल लीडरशिप को जाती हैं, बल्कि पत्रकारों की भी लिस्टें बनी हुई हैं. जर्नलिस्टों यानि हमारी जो कौम हैं, उसकी लिस्टें जारी की हुई हैं कि कौन उनके खिलाफ बोलता है और किसे वो नहीं छोड़ेंगे.
अब पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने विद्रोहियों के खिलाफ ऐलान-ए-जंग की बात तो कर दी है. लेकिन क्या वो पाकिस्तान में कुकुरमुत्तों की तरह उग रहे विद्रोही गुटों पर काबू कर पाएंगे. खासकर तब जब चीन ने भी उनके साथ हाथ मिला लिया हो. खैर चीन को अगर एक तरफ रख भी दें. तभी भी पाकिस्तान के लिए 4 चुनौतियों से निपटना आसान नहीं है.
इसमें पहली चुनौती है बलोचिस्तान का विद्रोही गुट BLA, जो पाकिस्तान से आजादी चाहता है.
दूसरा गुट है कि TTP जो तालिबान की तरह पूरे पाकिस्तान पर कब्जा चाहता है.
तीसरे हैं गिलगिट-बाल्टिस्तान से लेकर PoK वाले जो पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते हैं.
जबकि चौथी चुनौती है इमरान खान और उनके समर्थक जो शरीफ सरकार को हटाना चाहते हैं.
अब इन चुनौतियों से निपटना पाकिस्तानी आर्मी के लिए भी क्यों मुश्किल है. इसका एक वीडियो बलोचिस्तान के तन्ख़ से सामने आया है. जहां पेट्रोलिंग के लिए निकली पाकिस्तानी आर्मी की टुकड़ी पर बचोच विद्रोहियों ने हमला कर दिया. वीडियो में दो-दो की टुकडी में पाकिस्तान के 6 जवान नज़र आ रहे हैं. चार जवान तो आगे निकल जाते हैं. मगर BLA विद्रोही आखिरी के दो जवानों को रॉकेट लॉन्चर से निशाना बनाते हैं.
पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा, 'यहां पर कोई बात करता ही नहीं, सब स्टेब्लिशमेंट को खुश करने का काम करते हैं. हमारी कोई नाराज़गी ना हो जाए. स्टेब्लिशमेंट को खुश करने के लिए खामोश रहते हैं और दहशतगर्द जमात TTP से डरते हैं कि कहीं अटैक ना कर दे और TLP से डरते हैं कहीं वोट ना छीन लें. तो सारी कंप्रोमाइज पॉलिटिक्स होती है यहां पर, यहां पर वो माहौल भी नहीं है. सियासतदान भी हैं, जो कहते हैं कि हम किसकी जंग लड़ेंगे भाई. हमें कल को कोई मार दे, हमें तो कोई पूछेगा भी नहीं. तो हर बंदा इसपर बहुत केयरफुल रहते हैं और अतीत में पाकिस्तान की बहुत सारी सियासी जमातों के लोगों ने जानें भी दी हैं.
कुल मिलाकर खैर पखतुन्वा से लेकर बलोचिस्तान और Pok से लेकर गिलगित बाल्टिस्तान तक पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बगावत हो रही है. अब पाकिस्तान की सरकार भी सेना के हाथ की कठपुतली है. ऐसे में वो ना चाहते हुए भी पाकिस्तान के इन विद्रोही गुटों के टारगेट पर है. पाकिस्तान का इतिहास इस बात का गवाह है कि वहां की सेना हमेशा सत्ता को अपने कंट्रोल में रखती है. जिसके पीछे कई वजह भी हैं.
पहली वजह- पाकिस्तानी सेना वहां की सरकार से अपने पक्ष में फैसले करवाती है.
दूसरी वजह- सेना के ज़्यादातर अधिकारी इन फैसलों से अकूत संपत्ति कमाते हैं.
तीसरी वजह- पाकिस्तानी सेना वहां की सरकार की मदद से मनचाही जगह पर जमीन कब्जाती है.
चौथी वजह- पाकिस्तान की सेना मुनाफे वाली डील और बिजनेस हासिल करती है.
5वीं वजह- पाकिस्तानी सेना ब्रेड, कॉन्फ्लेक्स, बिस्किट और सीमेंट तक बेचती है.
अगर पाकिस्तान की सेना सत्ता में सीधा दखल रखती हैं, क्योंकि जब सत्ता में दखल होगा तभी पाकिस्तानी सेना को फायदा पहुंचेगा. बताते हैं कि पाकिस्तानी आर्मी के अधिकारियों के पास विदेशों में इतनी दौलत है. जितनी पाकिस्तानियों के पास पाकिस्तान में नहीं है. बस यही वजह है जो चीन के बाई पास किए जाने पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख बौखलाए हुए हैं.