नाइजीरिया में हमलावरों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, 50 लोगों को उतारा मौत के घाट, मची चीख-पुकार
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नाइजीरिया में हमलावरों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, 50 लोगों को उतारा मौत के घाट, मची चीख-पुकार

बेन्यू राज्य को भरपूर फसल के कारण 'नाइजीरिया की खाद्य टोकरी' के रूप में जाना जाता है. लेकिन बार-बार होने वाले झगड़ों की वजह से राज्य की कृषि पैदावार में वर्षों से कमी आई है. ऐसे क्षेत्र में परिवार और अधिक सिकुड़ते जा रहे हैं, यहां बहुत से गरीब और भूखे हैं.

नाइजीरिया में हमलावरों ने की ताबड़तोड़ फायरिंग, 50 लोगों को उतारा मौत के घाट, मची चीख-पुकार

उत्तर-मध्य नाइजीरिया के एक गांव में बंदूकधारियों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी कर 50 लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने गुरुवार को दी है. ओटुक्पो की स्थानीय सरकार के अध्यक्ष रुबेन बाको ने कहा कि बेन्यू राज्य के उमोगिदी गांव में बंदूकधारियों ने 47 लोगों को माप डाला. उन्होंने कहा कि एक दिन पहले भी इसी स्थान पर 3 लोगों की हत्या की गई थी.

बेन्यू राज्य की पुलिस के साथ-साथ एनेनी सेवुइस ने हमले की पुष्टि की और कहा कि हमलावरों ने एक बाजार में आग लगा दी थी. इसमें मरने वालों की संख्या 8 बताई जा रही है. इसमें एक पुलिस अधिकारी की मौत की भी खबर है. अधिकारियों ने बताया कि बंदूक से लैस होकर आए हमलावरों ने उत्तर-मध्य नाइजीरिया के एक गांव में दो हमलों में 50 लोगों की हत्या कर दी. इसके बाद पूरे इलाके में चीख-पुकार मच गई.

हमला क्यों किया गया, इसके पीछे की वजह के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना ​​है कि दोनों हमले एक दूसरे से संबंधित थे. जबकि किसी ने जिम्मेदारी का कोई दावा नहीं किया है. अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि स्थानीय चरवाहों ने हमले किए, क्योंकि पहले भी भूमि विवाद को लेकर उत्तरी-मध्य नाइजीरिया में किसानों के साथ उनके झगड़े हो चुके हैं.

फुलानी मूल के किसानों ने चरवाहों पर, अपने पशुओं को अपने खेतों पर चराने और उनकी उपज को नष्ट करने का आरोप लगाया. वहीं, चरवाहों का आरोप है कि भूमि चराई के लिए हैं जिन्हें देश को आजादी मिलने के पांच साल बाद, पहली बार 1965 में कानून द्वारा समर्थित किया गया था.

बेन्यू राज्य को भरपूर फसल के कारण 'नाइजीरिया की खाद्य टोकरी' के रूप में जाना जाता है. लेकिन बार-बार होने वाले झगड़ों की वजह से राज्य की कृषि पैदावार में वर्षों से कमी आई है. ऐसे क्षेत्र में परिवार और अधिक सिकुड़ते जा रहे हैं, यहां बहुत से गरीब और भूखे हैं.

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