Cryptocurrency Scam: ये वही रवींद्र नाथ पाटिल हैं जिनको 2022 में पुणे पुलिस ने करोड़ों रुपये की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था. पाटिल 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वे 2010 से कॉरपोरेट सेक्टर में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे थे.
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Supriya Sule Nana Patole: महाराष्ट्र चुनावों के बीच बयानों और आरोपों का दौर जारी है. इसी कड़ी में एनसीपी की नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले पर क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे हैं. दिल्ली में एक प्रेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह बहुत गंभीर और चिंताजनक है. बीजेपी ने मामले के एक प्रमुख गवाह के साथ सुप्रिया सुले की बातचीत के कुछ कथित ऑडियो क्लिप भी चलाए. त्रिवेदी ने कांग्रेस से इस पर सच बोलने की मांग की कि क्या वह किसी भी प्रकार के अवैध बिटकॉइन लेनदेन में शामिल है या मामले में शामिल प्रमुख गवाहों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों से जुड़ा है.
असल में बीजेपी ने आरोप तब लगाया है जब पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल ने ये आरोप लगाए हैं. उन्होंने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता और साइबर अपराध जांचकर्ता भाग्यश्री नवटके भी इस घोटाले में शामिल थे, जिनको सुप्रिया सुले और नाना पटोले से संरक्षण प्राप्त था. उन्होंने बताया कि 2018 में हुए बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी घोटाले की जांच के लिए उनकी कंपनी केपीएमजी को नियुक्त किया गया था, और उन्होंने इस प्रक्रिया का नेतृत्व किया. हालांकि, 2022 में उन्हें उसी केस में गिरफ्तार कर लिया गया था, और उन्होंने 14 महीने जेल में बिताए.
क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के बारे में जानकारी..
पाटिल ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी के दौरान वे इस बात को जानने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें क्यों फंसाया गया. उन्होंने और उनके सहयोगियों ने तथ्यों तक पहुँचने के लिए कड़ी मेहनत की, और अंततः कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. पाटिल ने कहा कि इस मामले के एक प्रमुख गवाह, गौरव मेहता, जो एक ऑडिट फर्म के कर्मचारी हैं, ने उनसे हाल ही में कई बार संपर्क किया और 2018 के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के बारे में जानकारी साझा की.
बिटकॉइन व्यापारी अमित भारद्वाज की गिरफ्तारी के दौरान
मेहता ने आरोप लगाया कि बिटकॉइन व्यापारी अमित भारद्वाज की गिरफ्तारी के दौरान एक हार्डवेयर वॉलेट में बिटकॉइन बरामद किए गए थे, जो बाद में बदलकर दूसरे वॉलेट में डाल दिए गए थे. यह कथित तौर पर पुणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता के निर्देश पर किया गया था. मेहता ने यह भी दावा किया कि पाटिल और उनके सहयोगियों को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया जबकि असली अपराधी गुप्ता और उनकी टीम थी.
बिटकॉइन हेरफेर से प्राप्त नकदी
पाटिल ने बताया कि मेहता ने यह आरोप भी लगाया कि बिटकॉइन हेरफेर से प्राप्त नकदी का उपयोग 2019 के लोकसभा चुनावों और मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के वित्तीय मदद के लिए किया गया था. उन्होंने कहा कि मेहता को गुप्ता के निर्देश पर दुबई की यात्राएँ करनी पड़ीं, ताकि बिटकॉइन को नकदी में बदला जा सके, जिसे महाराष्ट्र में चुनावी गतिविधियों के लिए उपयोग किया गया.
वॉयस रिकॉर्डिंग, जिनमें सुप्रिया सुले और नाना पटोले के संदेश..
पाटिल ने बताया कि मेहता ने उन्हें सोशल मीडिया ऐप 'सिग्नल' पर कई वॉयस रिकॉर्डिंग भेजीं, जिनमें सुप्रिया सुले और नाना पटोले के संदेश थे, जिनमें बिटकॉइन के बदले नकदी की मांग की गई थी. एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में सुले ने मेहता को आश्वासन दिया कि उन्हें जांच के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे सत्ता में आने के बाद इसे संभाल लेंगे. दूसरी रिकॉर्डिंग में नाना पटोले को नकदी लेन-देन में देरी के बारे में पूछताछ करते हुए सुना गया.
पाटिल ने यह भी दावा किया कि एक और ऑडियो रिकॉर्डिंग में अमिताभ गुप्ता 50 करोड़ रुपये की मांग करते हुए दिखाई दिए. एक और बातचीत में गुप्ता ने कहा कि उसने पाटिल और उनके सहयोगी पंकज घोडे के नाम पर चार क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट बनाए थे और इन वॉलेट से लेन-देन किए गए थे. पाटिल ने यह भी कहा कि गुप्ता ने यह सुझाव दिया कि अगर जांच हुई, तो पाटिल और पंकज घोडे दोनों फंस जाएंगे, लेकिन गुप्ता और उनकी टीम सुरक्षित रहेंगे.
पाटिल ने कहा कि मेहता ने पहले ही 150 करोड़ रुपये की कीमत के बिटकॉइन बेच दिए हैं और उनके पास अब भी सैकड़ों करोड़ रुपये के बिटकॉइन हैं. उनका कहना था कि यह बची हुई क्रिप्टोकरेंसी चुनावी फंडिंग के लिए इस्तेमाल हो रही है. पाटिल ने अपनी दावों का समर्थन करने के लिए सभी आवश्यक स्क्रीनशॉट और ऑडियो रिकॉर्डिंग्स होने की बात भी कही. उन्होंने जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करने की अपनी तत्परता व्यक्त की और बताया कि भाग्यश्री नवटके को भी इस मामले में कथित तौर पर यह कहते हुए सुना गया कि 'गौरव हमें नकदी की जरूरत है, मैं मुंबई आ रही हूं.'
2004 बैच के आईपीएस रवींद्र नाथ पाटिल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रवींद्र नाथ पाटिल को 2022 में पुणे पुलिस ने करोड़ों रुपये की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था. पाटिल 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, 2010 से कॉरपोरेट सेक्टर में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे थे. 2018 में उन्हें बिटकॉइन धोखाधड़ी मामले में फॉरेंसिक ऑडिटर के तौर पर नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें इस घोटाले में फंसाकर गिरफ्तार कर लिया गया. ians input
सुप्रिया सुले की सफाई आ गई..
इन आरोपों पर सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठी खबरें फैलाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि राज्य में मतदान के कुछ घंटों पहले मतदाताओं को गुमराह करने के लिए झूठी सूचना फैलाने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. हमने बिटकॉइन के दुरुपयोग के झूठे आरोपों के खिलाफ भारतीय निर्वाचन आयोग और साइबर अपराध विभाग में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है. इसके पीछे की मंशा स्पष्ट है, यह निंदनीय है.