Yoshitha Rajapaksa Arrest: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे योशिता राजपक्षे की गिरफ्तारी हुई है. पूर्व नौसेना अधिकारी योशिता की मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तारी की गई है. इससे पहले वह साल 2016 में भी गिरफ्तार हुए थे.
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Yoshitha Rajapaksa Arrest: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे योशिता राजपक्षे को संपत्ति खरीदने से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप में शनिवार 25 जनवरी 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया है. योशिता एक पूर्व नौसेना अधिकारी हैं. उन्हें उनके गृह क्षेत्र बेलिएट्टा से गिरफ्तार किया गया है. योशिता की यह गिरफ्तारी साल 2015 से पहले अपने पिता के राष्ट्रपति पद के कार्यकाल के दौरान एक संपत्ति खरीदने के मामले में भ्रष्टाचार करने को लेकर की गई है.
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गिरफ्तार हुए पूर्व राष्ट्रपति का बेटा
योशिता महिंदा राजपक्षे के 3 बेटों में से दूसरे नंबर के बेटे हैं. पिछले हफ्ते उनके चाचा और श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से भी पुलिस ने इस मामले में पूछताछ की थी. यह गिरफ्तारी ऐसे मौके पर की गई है जब महिंदा राजपक्षे ने सुप्रीम कोर्ट से फंडामेंटल राइट से जुड़ी याचिका दायर की है, जिसके तहत उनकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोर्ट से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. सरकार ने उनकी सुरक्षा में पिछले महीने काफी कटौती कर दी थी.
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत हुआ गिरफ्तार
इससे पहले CID ने 3 जनवरी 2025 को योशिता राजपक्षे को कटारगामा में सरकारी स्वामित्व वाली जमीन के संबंध में पूछताछ की थी. जांच विभाग इस जमीन के स्वामित्व वाले दस्तावेजों में हुई हेरफेर को लेकर जांच कर रही थी. 'डेली मिरर' के मुताबिक पुलिस प्रवक्ता SSP बुद्धिका मनथुंगा का कहना है कि राजपक्षे को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि योशिता राजपक्षे का जन्म 12 जून 1988 को हुआ था. वह पूर्व नौसेना अधिकारी के साथ ही पूर्व श्रीलंका खिलाड़ी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी काफी कर सकते हैं.
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पहले भी हुई थी गिरफ्तारी
साल 2016 में भी योशिता राजपक्षे को फाइनेंशियल क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिवीजन ( FCID) ने भ्रष्टाचार के आरोप में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. उनकी यह गिरफ्तारी लाइफ स्टाइल, स्पोर्ट्स और एक बिजनेस टेलीविजन चैनल 'काल्र्टन स्पोर्ट्स नेटवर्क' ( CSN) में हुए फर्जीवाड़े को लेकर की गई थी. उस दौरान योशिता के साथ पूर्व राष्ट्रपति के प्रवक्ता को भी हिरासत में लिया गया था.