Decreasing Fertility rate: दुनिया के सबसे विकसित इलाकों में से एक हांगकांग लो फर्टिलिटी रेट की समस्या से जूझ रहा है. बच्चों की कमी के कारण यहां पर कई प्री स्कूलों को बंद करने की नौबत आ गई है.
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Decreasing Fertility rate: दुनियाभर में इन दिनों घटती फर्टिलिटी रेट परेशानी का कारण बनी हुई है. चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे बड़े-बड़े देश इस समस्या से जूझ रहे हैं. इसके चलते देशों में युवाओं की कमी हो रही है और बुजुर्गों की आबादी में इजाफा हो रहा है. वहीं चीन के स्वायत्त क्षेत्र हांगकांग में घटती आबादी का आलम ऐसा है कि यहां बच्चों की कमी से स्कूल बंद हो रहे हैं.
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घट रहा जन्म दर
चीन का स्वायत्त वाला इलाका हांगकांग एक समय पर आजाद था. इसकी अपनी पहचान थी, हालांकि साल 1997 में ब्रिटेन के साथ हुए समझौते के तहत इसे चीन का इलाका बना दिया गया. चीन में हांगकांग को स्वायत्त क्षेत्र का दर्जा दिया गया है. दुनिया के सबसे अमीर इलाके में शुमार हांगकांग की आबादी 70 लाख के करीब है. यहां एक दंपति की टोटल इनकम भारतीय करेंसी में आसौतन 7.7 लाख रुपये है. सबसे रईस इलाका होने के बावजूद यहां जन्म दर इतनी तेजी से गिर रही है कि स्कूल बंद करवाने पड़ रहे हैं.
स्कूलों को बंद करने की नौबत
'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक हांगकांग में किंडर गार्डन स्कूलों को बंद करने की नौबत आ गई है. साल 2022 में यहां केवल 32,500 बच्चों का ही जन्म हुआ. यहां बच्चों की संख्या इतनी कम है कि लगभग 40 प्री स्कूलों को बंद करने की नौबत आ गई है. स्कूल ऑपरेटरों का कहना है कि बच्चे न मिलने से स्कूल चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है. ऐसे में शिक्षा मंत्री की ओर से स्कूलों को स्थनांतरित करने का फैसला लिया गया है.
कम हो गई फर्टिलिटी रेट
बता दें कि साल 2022 में हांगकांग की फर्टिलिटी रेट गिरकर 0.70 पर आ गई. जबकि समाज में अपनी मौजूदा संख्या को बनाए रखने के लिए कम से कम 2.1 की फर्टिलिटी रेट आवश्यक होती है. यानी हांगकांग की फर्टिलिटी रेट जरूरत के हिसाब से एक तिहाई हो चुकी है. यानी यहां 3 महिलाओं पर करीब 2 बच्चे हैं. बता दें कि प्रति महिला औसत बच्चों की संख्या को फर्टिलिटी रेट कहा जाता है.