US Vs China: अमेरिका और चीन की अदावत किसी से छिपी नहीं है. अमेरिकी दशकों से सुपरपावर बना हुआ है तो चीन 'साम दाम दंड भेद' कुछ भी करके उसे पिछाड़ना चाहता है. इस बीच शी जिनपिंग (Xi Jinping) सरकार की एक खतरनाक डर्टी पिक्चर का खुलासा हुआ है, जिसमें अमेरिका को मिट्टी में मिलाने की तैयारी कर ली गई थी.
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US China Cyber Attacks warning: अपनी विस्तारवादी नीति से दुनियाभर की जमीन हड़पने के आरोपी चीन को लेकर बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. अमेरिका (US) ने दावा किया है कि उसने एक बड़ी चीनी साजिश से पर्दा उठाते हुए 'ड्रैगन' के खतरनाक सच को एकबार फिर दुनिया के सामने ला दिया है. अमेरिकी अधिकारियों के इसी दावे के मुताबिक कुछ दिन पहले चीनी हैकर्स ने अमेरिकी गैस और फ्यूल पाइपलाइन समेत रेल नेटवर्क और डिफेंस प्रोजेक्ट्स को निशाना बनाने की कोशिश की थी और बीजिंग के इशारे पर साइबर हैकर्स अभी ऐसा कुछ बड़ा करने की फिराक में हैं, ताकि अमेरिका में अफरातफरी फैल सके.
अमेरिकी सेना पर भी बुरी नजर
'रॉयटर' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के साइबर सिक्योरिटी डायरेक्टर रॉब जॉयस ने कहा, 'चीन के कुछ घुसपैठियों ने हमे बड़े पैमाने पर प्रभावित करने की कोशिश की थी. चीनी जासूसों का पता लगाने के लिए हम पूरी तरह से एक्टिव हैं. हम चीन की संभावित घुसपैठ और संबंधित प्रभावों के असर को समझने के लिए भी काम कर रहे हैं.'
अमेरिकी अधिकारियों ने ये भी कहा कि उनकी अभी तक की जांच में पता चला है कि अमेरिकी सेना से लेकर अन्य समस्त सरकारी विभाग चीनी हैकरों के निशाने पर थे और अभी भी खतरा टला नहीं हैं.
कई देशों को चेतावनी जारी
अमेरिका ने चीन की इस हरकत पर नाराजगी जताते हुए ये भी कहा कि चीन हमारे साथी देशों समेत कई अन्य देशों पर भी साइबर हमला करने की फिराक में है. इस मामले को लेकर अमेरिका ने एक बयान जारी करते हुए मल्टी नेशनल थ्रेट अलर्ट यानी बहुराष्ट्रीय खतरे की चेतावनी जारी की है.
हालांकि चीन की सरकार ने अमेरिका के इस दावे को खारिज कर दिया है. चीनी विदेश विभाग के मुताबिक अमेरिका की यह चेतावनी उस प्रोपेगेंडा का हिस्सा है जिसके जरिए लंबे समय से चीन के खिलाफ सामूहिक दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है. हमारी किसी भी एजेंसी ने अमेरिका या किसी भी अन्य देश को टार्गेट नहीं किया है.