IMF Bailout Package Sri Lanka: श्रीलंका पर जो आर्थिक संकट आया है, उसमें चीन के कर्ज का बड़ा योगदान है. एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन का श्रीलंका के ऊपर 5 अरब डॉलर का कर्ज है. साल 2022 के मई में हालात इतने बिगड़ गए थे कि श्रीलंका को दिवालिया घोषित कर दिया गया था.
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China News: पाकिस्तान के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं हैं. ऐसी ही स्थिति से ठीक एक साल पहले श्रीलंका जूझ रहा था. वहां भी सरकारी खजाना खाली हो गया था, महंगाई के कारण लोग त्राहिमाम करने लगे थे. हालात इतने बिगड़ गए थे कि राष्ट्रपति को देश छोड़कर भागना पड़ा था.
श्रीलंका में बिगड़ने हालातों को सुधारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने 3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी थी. पहली किस्त श्रीलंका को मिल चुकी है. लेकिन दूसरी किस्त मिलने में उसकी राह में रोड़े अटकते दिख रहे हैं और यह रोड़े अटकाने वाला देश और कोई नहीं बल्कि चीन है. चीन के कर्ज के बोझ तले दबकर श्रीलंका दिवालिया हो गया था.
नहीं मिली दूसरी किस्त
जब श्रीलंका को आईएमएफ से बेलआउट पैकेज मिला तो वहां की स्थिति में सुधार आया और महंगाई भी नीचे गिरी. मगर पिछले महीने पीटर ब्रेउर की अगुआई में आईएमएफ के अधिकारियों ने श्रीलंका का दौरा किया और वहां लोन की समीक्षा की, जिसमें उन्होंने उसको फेल करार दे दिया. इसी वजह से बेलआउट पैकेज की दूसरी किस्त यानी 330 मिलियन डॉलर उसे नहीं मिले हैं.
निक्केई एशिया ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि आईएमएफ बेलआउट पैकेज में रोड़े अटकाने वाला देश चीन है. एक बार फिर श्रीलंका के लिए चीन मुसीबत का सबब बन रहा है.
इसके पीछे कहानी ये है कि जब आईएमएफ ने बेलआउट दिया तो उसके साथ शर्तों का पुलिंदा भी बांध दिया था. उसमें से एक शर्त ये भी है कि बड़े कर्जदाता श्रीलंका को लोन देने के मामले में फाइनेंशियल गारंटी दें. कमाल की बात है कि श्रीलंका को सबसे बड़ा कर्ज चीन ने ही दिया है और श्रीलंका को उसी ने समीक्षा के दौरान अयोग्य करार दे दिया. इसी वजह से उसे मिलने वाले बेलआउट पैकेज पर संकट आ गया है.
2022 में दिवालिया हो गया था श्रीलंका
श्रीलंका पर जो आर्थिक संकट आया है, उसमें चीन के कर्ज का बड़ा योगदान है. एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन का श्रीलंका के ऊपर 5 अरब डॉलर का कर्ज है. साल 2022 के मई में हालात इतने बिगड़ गए थे कि श्रीलंका को दिवालिया घोषित कर दिया गया था.
अब श्रीलंका में हालात थोड़े सुधर रहे हैं तो वह चीन को पसंद नहीं आ रहा. इसी कारण अब श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने चीन जाने की तैयारी की है. वह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की 10वीं एनिवर्सरी के कार्यक्रम में शरीक हो सकते हैं. इसमें वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से वित्तीय गारंटी के मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं.