बांग्लादेश के प्रसिद्ध मंदिर से मां काली का मुकुट चोरी, पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था गिफ्ट
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बांग्लादेश के प्रसिद्ध मंदिर से मां काली का मुकुट चोरी, पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था गिफ्ट

Bangladesh Temple News: कुछ हफ्ते पहले बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ काफी अत्याचार किए गए थे. तब से हालात ज्यादा सुधरे नहीं हैं. कड़ी सुरक्षा में दुर्गा पूजा हो रही है और अब पीएम मोदी द्वारा गिफ्ट किया गया मां काली का मुकुट चोरी कर लिया गया है. पड़ोसी मुल्क में हिंदू समुदाय ही नहीं, उनके घर और मंदिर भी सुरक्षित नहीं हैं.

बांग्लादेश के प्रसिद्ध मंदिर से मां काली का मुकुट चोरी, पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था गिफ्ट

बांग्लादेश में इस बार दुर्गा पूजा के समय हिंदू समुदाय काफी डरा हुआ है. कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिरों और पांडालों में दुर्गा पूजा उत्सव मनाया जा रहा है. इस बीच, सतखीरा जिले के श्यामनगर में स्थित प्रसिद्ध जशोरेश्वरी मंदिर से काली माता का मुकुट चोरी हो गया है. 'द डेली स्टार' की रिपोर्ट के मुताबिक यह मुकुट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2021 में मंदिर की अपनी यात्रा के दौरान गिफ्ट किया था. नीचे चोरी का वीडियो देखिए.

पुजारी के जाते ही चोरी

गुरुवार को दोपहर 2 से 2.30 बजे के बीच मंदिर से मुकुट की चोरी की गई. उस समय मंदिर के पुजारी दिलीप मुखर्जी दिन की पूजा के बाद चले गए थे. बाद में सफाई कर्मचारियों ने देखा कि देवी मां के सिर से मुकुट गायब था. श्यामनगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ताइजुल इस्लाम ने बताया है कि चोर की पहचान करने के लिए मंदिर का सीसीटीवी फुटेज जांचा जा रहा है.

चुराया गया मुकुट चांदी का है और उस पर सोने की परत चढ़ाई गई है. यह सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जशोरेश्वरी मंदिर भारत और पड़ोसी देशों में फैले 51 शक्तिपीठों में से एक है. 'जशोरेश्वरी' नाम का मतलब 'जशोर की देवी' है.

2021 में बांग्लादेश गए थे मोदी

पीएम मोदी बांग्लादेश की अपनी यात्रा के दौरान 27 मार्च 2021 को जशोरेश्वरी मंदिर गए थे. उस दिन उन्होंने मां को मुकुट पहनाया था. सुबह 10 बजे पीएम मोदी ने मंदिर की अपनी यात्रा का एक वीडियो भी साझा किया था, जो कोविड-19 महामारी के बाद किसी भी देश की उनकी पहली यात्रा थी.

51 पीठों में से एक जशोरेश्वरी मंदिर

जशोरेश्वरी मंदिर माता काली को समर्पित है. यह मंदिर सतखीरा के ईश्वरपुर गांव में मौजूद है. माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में अनारी नामक एक ब्राह्मण ने किया था. उन्होंने जशोरेश्वरी पीठ (मंदिर) के लिए 100 दरवाजों वाला मंदिर बनाया, बाद में 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन ने इसका नवीनीकरण किया. राजा प्रतापादित्य ने 16वीं शताब्दी में इस प्रसिद्ध मंदिर का पुनर्निर्माण कराया.

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार 51 पीठों में से ईश्वरपुर का मंदिर वह स्थान है जहां देवी सती के पैरों की हथेलियां और तलवे गिरे थे और वह यहां देवी जशोरेश्वरी के रूप में निवास करती हैं.

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