घुटनों पर आ जाएगी राजनीति, नहीं बचेगी प्राइवेसी...सच्ची भविष्यवाणी करने वाले 'जिंदा नास्त्रेदमस' क्या बोल गए?
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घुटनों पर आ जाएगी राजनीति, नहीं बचेगी प्राइवेसी...सच्ची भविष्यवाणी करने वाले 'जिंदा नास्त्रेदमस' क्या बोल गए?

Living Nostradamus Predictions: पैरानॉर्मल एक्सपर्ट एथोस सैलोमे को लिविंग नास्त्रेदमस भी कहा जाता है. हाल रही में उन्होंने भविष्य में AI से होने वाले खतरों को लेकर भविष्यवाणी की है.   

घुटनों पर आ जाएगी राजनीति, नहीं बचेगी प्राइवेसी...सच्ची भविष्यवाणी करने वाले 'जिंदा नास्त्रेदमस' क्या बोल गए?

Living Nostradamus Predictions:  एक ओर जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) का दुनियाभर में दबदबा बढ़ रहा है तो वहीं प्रसिद्ध पैरानॉर्मल एक्सपर्ट एथोस सैलोमे ने इससे होने वाले नुकसान को लेकर भविष्यवाणी की है. एथोस सैलोमे को लिविंग नास्त्रेदमस भी कहा जाता है. उन्होंने इस नए अविष्कारों से समाज में बढ़ने वाले खतरे को लेकर चेतावनी दी है. एथोस सैलोमे की भविष्यवाणी AI और डीपफेक से पॉलीटिक्स, सिक्योरिटी और पर्सनल प्राइवेसी समेत अलग-अलग सेक्टरों में होने वाले खतरे को उजागर करती है.  

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 डीपफेक से बढ़ेगा ये खतरा 
एथोस सैलोमे ने डीपफेक को लेकर कहा कि जैसे-जैसे इसका इस्तेमाल बढ़ेगा और यह टेक्नोल़ॉजी बेहतर होती रहेगी वैसे ही इससे होने वाला खतरा भी बढ़ता रहेगा. इससे लोगों को रियल और फेक कंटेंट में अंतर करना मुश्किल हो जाएगा. इससे राजनीति, आर्थिक सुरक्ष और व्यक्ति की निजी प्रतिष्ठा के लिए खतरा बढ़ जाएगा. डीपफेक का आमतौर पर इस्तेमाल मनोरंजन के लिए किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ समय से इसका गलत इस्तेमाल बढ़ा है. यह कई तरह की घटनाओं में हेरफेर के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. 

साइबरसिक्योरिटी पड़ेगा उल्टा 
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता इस्तेमाल साइबरसिक्योरिटी के लिए भी खतरा बढ़ा सकता है. AI एल्गोरिदम के जरिए साइबर थ्रेट्स को डिटेक्ट किया जा रहा है, सिस्टम को मॉनीटर किया जा रहा है और साइबर हमलों से बचने के लिए सेंसेटिव डाटा को सुरक्षित रखा जा रहा है, हालांकि एथोस सैलोमे का मानना है कि साइबर क्रिमिनल्स इस AI तकनीक का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. उनका मानना है कि सिक्योरिटी के लिए इस्तेमाल हो रही यह तकनीक नए तरह के थ्रेट्स को भी बढ़ा सकती है, जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. 

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राजनीति होगी प्रभावित 
एथोस सैलोमे का मानना है कि दुनियाभर में AI का गलत तरीके से इस्तेमाल खासतौर पर डीपफेक टेक्नोलॉजी दुनियाभर में राजनीतिक व्यवस्था को अस्थिर कर सकती है. इसका गलते इस्तेमाल करके या AI जनरेटेड कंटेंट के जरिए गलत सूचनाएं आसानी से फैल सकती है. इससे पब्लिक ऑपिनियन सबसे ज्यादा प्रभावित होगी, जिससे वोटिंग पर असर पड़ सकता है. यहां तक की गलत सूचना के जरिए विवाद भी पैदा हो सकते हैं, जो दुनियाभर में अस्थिरता को बढ़ावा देंगे. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का गलता इस्तेमाल दुनियाभर में शांति को नुकसान पहुंचा सकता है.

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