RailYatri यूजर्स को टिकट बुक करने, उनके पीएनआर स्थिति की जांच करने और भारत में ट्रेन यात्रा से संबंधित अन्य जानकारी देखने की सुविधा देता है.
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RailYatri सबसे पॉपुलर ऐप है और यह IRCTC द्वारा अधिकृत है. रेलयात्री से कथित रूप से हैक किए गए डेटा का एक महत्वपूर्ण सेट, जिसमें नाम, ईमेल आईडी, मोबाइल फोन नंबर और इसके यूजर्स के स्थान शामिल हैं, को एक डार्क वेब फोरम पर बिक्री के लिए रखा गया था. बता दें, RailYatri यूजर्स को टिकट बुक करने, उनके पीएनआर स्थिति की जांच करने और भारत में ट्रेन यात्रा से संबंधित अन्य जानकारी देखने की सुविधा देता है. साइबर पुलिस की नजर लीक पर बनी हुआ है और इंवेस्टिगेशन पूरी होने के बाद संबंधित अधिकारियों को सतर्क किया जाएगा.
ऐसे बनाया जा रहा है शिकार
एक साइबर पुलिस अधिकारी ने कहा, 'फोन नंबर से दुरुपयोग की गुंजाइश काफी ज्यादा बढ़ जाती है. इन नंबरों का इस्तेमाल लोगों को सेक्सटॉर्शन, पार्ट-टाइम जॉब रैकेट या पुलिस अधिकारी बनकर वित्तीय धोखाधड़ी जैसे अपराधों के लिए टारगेट करने के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा यूजर्स के नाम, ईमेल और फोन नंबर का इस्तेमाल जाली डॉक्यूमेंट्स को तैयार करने के लिए किया जा सकता है. डॉक्यूमेंट्स से कई काम किए जा सकते हैं. जैसे बैंक अकाउंट खोलना या सिम कार्ड खरीदना.'
बिक रहा 3.1 करोड़ यूजर्स का डेटा
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, RailYatri से 3.1 करोड़ यूजर्स के डेटा का एक सेट ब्रीच्ड फोरम पर बिक्री के लिए रखा गया था. हैकर की पहचान Unit82 के रूप में हुई है. हैकर ने पोस्ट साझा किया और दावा किया कि इसे दिसंबर 2022 में हैक कर लिया गया था. हैकर ने एक लिंक भी शेयर किया है, जहां से खरीदने के लिए संपर्क किया जा सकता है.
रेलवे के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि डेटा लीक के बारे में कोई आधिकारिक रिपोर्ट नहीं आई है. यूनिट82 पत्रकारों को डेटा 300 डॉलर यानी करीब 25 हजार रुपये में बेच रहा है.
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