Paris Olympics 2024: ‘मिरेकल गर्ल’ मनु भाकर की ओलंपिक में ऐतिहासिक हैट्रिक पूरी नहीं हो पाई. भारतीय निशानेबाज मनु भाकर पेरिस ओलंपिक खेलों की 25 मीटर महिला पिस्टल निशानेबाजी स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहते हुए रिकॉर्ड तीसरा मेडल जीतने से चूकीं.
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Paris Olympics 2024: ‘मिरेकल गर्ल’ मनु भाकर की ओलंपिक में ऐतिहासिक हैट्रिक पूरी नहीं हो पाई. भारतीय निशानेबाज मनु भाकर पेरिस ओलंपिक खेलों की 25 मीटर महिला पिस्टल निशानेबाजी स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहते हुए रिकॉर्ड तीसरा मेडल जीतने से चूकीं. 22 साल मनु भाकर ने आठ महिलाओं के फाइनल में 28 का स्कोर किया और इस खेलों में मेडल्स की हैट्रिक पूरी करने से चूक गईं. वह शूट-ऑफ में हंगरी की ब्रॉन्ज मेडल विनर वेरोनिका मेजर से हार गईं. इससे पहले उन्होंने गुरुवार को प्रिसिजन में 294 और रेपिड में 296 अंक के साथ कुल 590 अंक जुटाकर क्वालीफिकेशन में दूसरा स्थान हासिल करते हुए फाइनल में प्रवेश किया था.
मनु भाकर एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय
मनु भाकर इससे पहले मौजूदा पेरिस ओलंपिक में पहले ही दो ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. मनु भाकर ने सबसे पहले महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. मनु भाकर ने फिर सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में दक्षिण कोरिया को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता था. आजादी के बाद मनु भाकर एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय हैं. इससे पहले किसी भी पुरुष या महिला एथलिट ने एक ही ओलंपिक में दो मेडल नहीं जीते हैं. आजादी से पहले ब्रिटिश मूल के भारतीय खिलाड़ी नॉर्मन प्रिचार्ड ने 1900 ओलंपिक में 200 मीटर फर्राटा और 200 मीटर बाधा दौड़ में सिल्वर मेडल जीते थे. नॉर्मन प्रिचार्ड ने आजादी से पहले एक ही ओलंपिक में 2 मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया था.
कौन हैं मनु भाकर?
‘मिरेकल गर्ल’ मनु भाकर का हरियाणा से गहरा नाता है. 18 फरवरी 2002 को मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ था. बचपन में शूटिंग से पहले मनु भाकर को बॉक्सिंग, स्केटिंग, एथलेटिक्स, टेनिस और जूडो कराटे जैसे दूसरे स्पोर्ट्स में भी इंटरेस्ट था. मनु भाकर की सफलता में उनके माता-पिता और उनके कोच जसपाल राणा का बहुत बड़ा योगदान रहा है. मनु भाकर के पिता राम किशन भाकर मर्चेंट नेवी में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. मनु भाकर की मां स्कूल में प्रिंसिपल हैं.
पिता ने बेटी के लिए छोड़ी थी नौकरी
मनु भाकर के पिता राम किशन ने बेटी के सपनों के लिए अपनी नौकरी तक को कुर्बान किया था. पिता राम किशन ने बेटी मनु भाकर को ट्रेनिंग के लिए पिस्टल लाकर दी और उन्हें ट्रेनिंग सेंटर तक पहुंचाने और घर लाने की जिम्मेदारी संभाली. मनु भाकर के पिता राम किशन ने एक इंटरव्यू में कहा कि वे थोड़े अंधविश्वासी है और जब भी मनु कोई बड़ा मैच खेलती हैं तो वे टेलीविजन बंद कर देते हैं.