Science News: वैज्ञानिकों ने हमारे ब्रह्मांड में मौजूद क्विपू नाम के एक फिलामेंट की खोज की है. यह ब्रह्मांड में खोजी गई अबतक की सबसे बड़ी संरचना है, जो 1.3 अरब लाइट इयर से अधिक फैला है.
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Science News: एस्ट्रोनॉमर्स ने ब्रह्मांड में मौजूद एक बड़ी संरचना की खोज की है. इनकैन मेजरिंग सिस्टम के मुताबिक इस संरचना को क्विपू नाम दिया गया है. युह सुपरस्ट्रक्चर 200 क्वाड्रीलियन सोलर मास का है. वहीं इसकी लंबाई 1.3 बिलियन लाइट ईयर्स से भी अधिक बताई गई है. यह सुपरस्ट्रक्चर ब्रह्नांड की अबतक की सबसे बड़ी संरचना है.
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क्या है सुपरस्ट्रक्चर?
बता दें कि सुपरस्ट्रक्चर बेहद बड़ी संरचनाएं होती हैं, जो अपने अंदर गैलक्सी कल्सर्टस और सुपरक्लस्टर्स को समाहित करके रखती है. वहीं इनका आकार और वजन इतना अधिक होता है कि यह ब्रह्मांड के विकास और इसकी वर्तमान संरचना को भी चुनौती दे सकते हैं. कुछ सुपरस्ट्रक्चर का आकार इतना विशाल होता है कि यह कॉस्मोलॉजिकल मॉडल्स को भी तोड़ने में सक्षम होते हैं. 'लाइवसाइंस' की रिपोर्ट के मुताबिक सुपरस्ट्रक्चर पूरे ब्रह्मांडा का कुल 13 प्रतिशत वॉल्यूम कवर करते हैं.
क्विपू की खोज
'मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट' के साइंटिस्ट हांस बोहरिंगर और उनकी टीम ने 'क्लासिक्स क्लस्टर सर्वे' का इस्तेमाल करके यह खोज की है. टीम ने एक्स रे गलैक्सी क्लस्टर्स के द्वारा क्वीपू समेत 4 अन्य सुपरस्ट्रक्चर की पहचान की. बता दें कि गलैक्सी क्लस्टर्स में सैकड़ों गलैक्सियां होती हैं. उनमें गर्म गौस मौजूद होती हैं, जो एक्स रे का उत्सर्जन करती हैं. इन्हीं एक्स रे एमिशन को पैम करके ही साइंटिस्ट ने सबसे घने इलाकों की खोज की है. इसी टेक्नीक के जरिए वैज्ञानिकों को पता चला कि क्वीपू एक लंबा फिलामेंट है और इसमें कई और फिलामेंट जुड़े हुए हैं.
ब्रह्मांड की घटनाओं को प्रभावित करता है क्वीपू
वैज्ञानिकों के मुताबिक क्वीपू जैसे सुपरस्ट्रक्चर हमारे ब्रह्मांड की घटनाओं और कॉस्मोलॉजिकल मॉडल्स को काफी प्रभावित करते हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि Lambda-CDM मॉडल पर आधारित सिमुलेशन क्वीपू जैसे सुपरस्ट्रक्चर की उत्पत्ति कर सकता है. Lambda-CDM ब्रह्मांड की उत्पत्ति और इसकी संरचना को समझाने वाला एक प्रमुख मॉडल है. वैज्ञानिकों का मानना है कि क्वीपू जैसे सुपरस्ट्रक्चर भविष्य में छोटे-छोटे क्लस्टर्स में विभाजित हो सकते हैं.