Science News: हमारी आकाशगंगा में अनगिनत तारे और ग्रह हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक नया ग्रह कैसे जन्म लेता है? वैज्ञानिक लंबे समय से इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे थे. और अब उन्हें पहली बार इसका सीधा सबूत मिला है.
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Science News: हमारी आकाशगंगा में अनगिनत तारे और ग्रह हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि एक नया ग्रह कैसे जन्म लेता है? वैज्ञानिक लंबे समय से इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे थे. और अब उन्हें पहली बार इसका सीधा सबूत मिला है. नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने अंतरिक्ष में एक ऐसा ही तारा देखा है. जिसके चारों ओर नए ग्रह बन रहे हैं. यह खोज ग्रहों के जन्म की अब तक की सबसे साफ तस्वीरें लेकर आई है. जिससे विज्ञान की इस अनसुलझी गुत्थी को हल करने में मदद मिलेगी.
PDS 70: जहां नए ग्रह ले रहे आकार
370 प्रकाशवर्ष दूर स्थित PDS 70 नाम का तारा वैज्ञानिकों के लिए बेहद खास है. यह एक युवा तारा है जिसके चारों ओर गैस और धूल का घना बादल घूम रहा है. इसी बादल के बीच से नए ग्रह उभर रहे हैं. वैज्ञानिकों ने पहले ही इसके दो ग्रहों- PDS 70b और PDS 70c की खोज कर ली थी. अब JWST की नई तस्वीरों से संकेत मिला है कि शायद यहां तीसरा ग्रह भी बन रहा है!
पहली बार कब देखा गया था ग्रह?
2018 में यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी (ESO) के 'वेरी लार्ज टेलीस्कोप' (VLT) ने पहली बार PDS 70b नामक नवजात ग्रह की सीधी तस्वीर ली थी. यह एक बड़ी उपलब्धि थी. क्योंकि इससे पहले वैज्ञानिकों ने कभी भी किसी बनने वाले ग्रह को प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा था. इस खोज के बाद खगोलविदों ने इस ग्रह प्रणाली का और गहराई से अध्ययन करना शुरू किया.
तीसरा ग्रह भी हो सकता है मौजूद!
अब JWST ने और भी साफ तस्वीरें ली हैं जिससे पता चला कि PDS 70 के आसपास केवल दो नहीं. बल्कि तीन ग्रह हो सकते हैं. वैज्ञानिकों को वहां कुछ ऐसा दिखा जो या तो एक तीसरा ग्रह हो सकता है या फिर धूल और गैस का घना गुच्छा. अगर यह सच में एक ग्रह निकला तो यह हमारे ब्रह्मांड को समझने के लिए एक नई दिशा खोल सकता है.
कैसे करता है JWST इतनी शानदार खोजें?
JWST के पास एक खास तकनीक है जिसे 'एपर्चर मास्किंग इंटरफेरोमेट्री' (AMI) कहा जाता है. यह टेलीस्कोप को बेहद साफ और हाई-रिजॉल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में मदद करती है. इसकी मदद से वैज्ञानिक उन चीजों को भी देख सकते हैं जो सामान्य टेलीस्कोप नहीं पकड़ पाते.
ग्रहों के चारों ओर गैस और धूल का घेरा
JWST की तस्वीरों से पता चला कि PDS 70b और PDS 70c ग्रहों के चारों ओर गैस और धूल का एक घना घेरा मौजूद है. इसका मतलब यह है कि ये ग्रह अभी भी बन रहे हैं. ऐसा ही कुछ अरबों साल पहले हमारे सौर मंडल में भी हुआ होगा जब पृथ्वी और अन्य ग्रह बने थे.
PDS 70 तारा कितना पुराना है?
PDS 70 एक बहुत युवा तारा है, जिसकी उम्र मात्र 54 लाख साल है. यह अभी भी बड़ा और मजबूत बनने की प्रक्रिया में है. इसे पूरी तरह से स्थिर होने और सूर्य जैसा बनने में करोड़ों साल और लगेंगे. 2024 में वैज्ञानिकों ने तीसरे ग्रह की संभावना जताई थी. लेकिन वे पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं थे. अब JWST ने इस संभावना को और मजबूत किया है लेकिन अभी भी इसकी पुष्टि नहीं हुई है. अगर यह सच में ग्रह निकला तो यह हमारे लिए बहुत बड़ी खोज होगी.
ग्रह बनने की इस प्रक्रिया को देखना कितना रोमांचक!
खगोलविदों के लिए यह खोज बेहद रोमांचक है क्योंकि यह पहली बार है जब किसी ग्रह को जन्म लेते हुए देखा गया है. वैज्ञानिक डग जॉनस्टोन कहते हैं कि यह ऐसा है.. जैसे हम अपनी आंखों के सामने एक नया सौर मंडल बनते हुए देख रहे हैं! अब वैज्ञानिक इस प्रणाली पर और शोध करेंगे ताकि यह पता लगाया जा सके कि तीसरा ग्रह वाकई मौजूद है या नहीं. अगर यह सच साबित हुआ तो यह हमारी आकाशगंगा को समझने में एक बड़ा कदम होगा.