Jageshwar Temple Group Mystery: उत्तराखंड का जागेश्वर मंदिर समूह में दर्जनों मंदिर हैं. उन्हीं में से एक करोड़पति बनाने वाला 'कुबेर मंदिर' भी है, जहां धन के देवता शिवलिंग के रूप में विद्यमान हैं.
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Where is Jageshwar Temple Group: भारत में लाखों मंदिर हैं और हरेक मंदिर की अपनी मान्यता है. अपना अनोखा इतिहास है, जो हमें एक नई आध्यात्मिक यात्रा पर ले जाता है. इन मंदिरों के जरिए हम अपने धर्म और संस्कृति से जुड़ते हैं. कुछ मंदिर ऐसे होते हैं, जो अपनी विशेषता और चमत्कारी गुणों के लिए विख्यात होते हैं. आज हम आपको एक ऐसे अद्भुत मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां केवल दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं. इस मंदिर को जागेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है, जो न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां का कुबेर मंदिर भी खास आकर्षण का केंद्र है.
घने देवदार के जंगलों में पत्थरों के मंदिरों से घिरा ये है प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर समूह की रहस्यमयी दुनिया. जो अपनी धार्मिक महत्व और प्राचीनता के लिए विश्व विख्यात है. जागेश्वर मंदिर समूह अद्भुत आस्था और इतिहास का संगम है..यह पूरा क्षेत्र प्राचीन शिव मंदिरों का संग्रह है, जो आज भी अपनी अनकही कहानियों को संजोए हुए है. यहां के हर मंदिर में एक रहस्य छिपा हुआ है, जो भक्तों को अपने दिव्य अनुभव से जोड़ता है.
हजारों लोग करने आते हैं दर्शन
इन्हीं मंदिरों के बीच स्थित है भगवान कुबेर का मंदिर..जिन्हें विशेष रूप से धन और समृद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है. कहते हैं जिस पर कुबेर भगवान की कृपा हो जाए, उसके पास कभी धन, दौलत की कमी नहीं होती. भगवान कुबेर के इस मंदिर में पूजा-पाठ के पीछे भक्तों में बेहद सच्ची श्रद्धा और भक्ति का भाव दिखाई देता है.
मान्यता है कि कारोबार में तरक्की और आर्थिक तंगी दूर करने के लिए भक्त यहां हजारों कोस दूर से आते हैं..यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए कनक धारा, श्रीसूक्त के पाठ करवाते हैं..भगवान कुबेर को खीर के भोग के साथ-साथ महालक्ष्मी के साथ उनका अभिषेक भी कराते हैं..साथ ही भक्त यहां कुबेर यंत्र की सिद्धि और पूजा भी करवाते हैं.
कारोबार में तरक्की दिलाएंगे कुबेर
जागेश्वर मंदिर का समूह घने देवदार के जंगलों के बीच स्थित है, जिसे पौराणिक ग्रंथों में "दारूका वन" कहा गया है. माना जाता है कि भगवान शिव ने इस पवित्र स्थान को अपनी तपस्थली के रूप में चुना था और इसी भूमि पर विराजमान हैं भगवान कुबेर जो समृद्धि और धन के देवता माने जाते हैं. जागेश्वर के पवित्र मंदिर समूह में स्थित भगवान कुबेर का ये मंदिर विशिष्ट है.
कहा जाता है कि भगवान कुबेर के देश भर में पांच मंदिर और हैं..लेकिन इसे छठा और कुबेर का विशेष मंदिर माना जाता है क्योंकि यहां केवल भगवान कुबेर का मंदिर है..यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यहां के चमत्कारी आशीर्वाद ने इसे भक्तों का एक खास स्थान बना दिया है.
भगवान कुबेर का इकलौता मंदिर
भगवान कुबेर का ये मंदिर हजारों साल पुराना है. कहते हैं इस मंदिर का निर्माण सातवीं से चौदहवीं शताब्दी के बीच कत्युरी राजवंश ने कराया था. यहां भगवान कुबेर शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं इसीलिए यहां भगवान कुबेर को भगवान शिव के रूप में भी पूजा जाता है. कहते हैं जिस पर कुबेर भगवान की कृपा हो जाए, उसके पास कभी धन, दौलत की कमी नहीं होती.
क्यों विशेष है कुबेर मंदिर?
भगवान कुबेर का ये मंदिर भक्तों के लिए एक अनोखा आस्था केंद्र है. यहां विशेष पूजा के बाद पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चारण से अभिमंत्रित चांदी का सिक्का दिया जाता है. जिसे घर की तिजोरी में रखने से आर्थिक समृद्धि आती है. मान्यता है कि यहां भगवान कुबेर के दर्शन करने से जीवन के सभी आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं.
कारोबार में तरक्की दिलाएंगे कुबेर
कुबेर मंदिर का आकर्षण सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी है. घने देवदार के वृक्षों से घिरा यह मंदिर श्रद्धालुओं को न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि प्रकृति की गोद में एक अद्वितीय अनुभव भी देता है. जागेश्वर क्षेत्र में कई छोटे-बड़े मंदिर हैं, जिनमें कुबेर मंदिर समूह का अपना एक खास स्थान है..यहां आकर भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की उम्मीद रखते हैं और भगवान कुबेर से समृद्धि और धन का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
भगवान कुबेर की कृपा से दर्शन
पुजारियों का दावा है कि मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु दोबारा भगवान कुबेर के दर्शन के लिए उनके दरबार में आते हैं और कुबेर देव को खीर का प्रसाद चढ़ाते हैं. उत्तराखंड के अल्मोढ़ा में देवदार के घने जंगलों से होकर गुजरते हुए आगे बढ़ने पर आप आस्था, विश्वास और समृद्धि की उस पावन भूमि पर पहुंच जाएंगे जो भगवान शिव और अन्य देवताओं की तपस्थली रही है, इसी वजह से जागेश्वर धाम में ऊर्जा का एक खास प्रवाह महसूस होता है.
जागेश्वर मंदिर का रहस्य केवल इसकी वास्तुकला में ही नहीं, बल्कि यहां की अद्वितीय आध्यात्मिकता में भी बसा है. यहां करीब 125 छोटे-बड़े मंदिरों का समूह है, जो मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित हैं..जागेश्वर क्षेत्र में कई छोटे-बड़े मंदिर हैं. जिनमें तीन प्रमुख मंदिर समूह शामिल हैं – जागेश्वर मंदिर समूह, डंडेश्वर मंदिर समूह और कुबेर मंदिर समूह. कहते हैं जागेश्वर का कुबेर मंदिर, जहां सिर्फ विश्वास और श्रद्धा से ही नहीं, बल्कि वास्तविकता में भी धन की बरसात होती है.