Grahan 2025: ज्योतिष और खगोल विज्ञान में सूर्य और चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल सूर्य और चंद्र ग्रहण कब-कब लगेगा. ग्रहण भारत में दिखाई देगा या नहीं और ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा या नहीं.
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Grahan 2025: खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए 2025 एक महत्वपूर्ण साल होगा, क्योंकि इस साल दो प्रमुख ग्रहण घटित होंगे- एक चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण. ये खगोलीय घटनाएं न केवल अद्भुत दृश्य प्रदान करती हैं, बल्कि ज्योतिष शास्त्र में भी इसका खास महत्व है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल सूर्य और चंद्र ग्रहण कब-कब लगेगा. इसके अलावा यह ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं और इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा या नहीं.
चंद्र ग्रहण 2025
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल का पहला चंद्र ग्रहण फाल्गुन पूर्णिमा के दिन यानी 14 मार्च को लगेगा. इस चंद्र ग्रहण की शुरुआत सुबह 9 बजकर 29 मिनट से होगी. जबकि इसकी समाप्ति दोपहर 3 बजकर 29 मिनट पर होगी. चूंकि, यह चंद्र ग्रहण होली के दिन लगने जा रहा है, इसलिए इसका महत्व और भी अधिक बढ़ रहा है.
कैसे लगता है चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती और वह आंशिक या पूर्ण रूप से अंधकारमय हो जाता है.
सूर्य ग्रहण 2025
वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा. ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से होगी. जबकि, इस सूर्य ग्रहण की समाप्ति शाम 6 बजकर 16 मिनट पर होगी.
कैसे लगता है सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पूरी तरह या आंशिक रूप से नहीं पहुंच पाता, जिससे कुछ समय के लिए अंधकार छा जाता है.
क्या भारत में दिखाई देगा?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 29 मार्च का सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं होगा. जबकि इस साल का पहला चंद्र ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा.
सूतक काल का प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व होता है. इस दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है. सूतक काल के दौरान खाना-पीना वर्जित होता है. इसके साथ ही इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है. उन्हें घर से बाहर या छत पर जाने से बचना होता है, क्योंकि इससे शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. ग्रहण के दौरान चीजों को काटना-छीलना वर्जित होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)