Shree Hanuman Stuti: मंगलवार के दिन करें श्री हनुमंत स्तुति का पाठ, मिलेगा बलशाली होने का आशीर्वाद
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Shree Hanuman Stuti: मंगलवार के दिन करें श्री हनुमंत स्तुति का पाठ, मिलेगा बलशाली होने का आशीर्वाद

Shree Hanuman Stuti: हनुमान जी के भक्तों के लिए यहां हम हनुमंत स्तुति के साथ-साथ बजरंगबली की आरती भी दे रहे हैं. जिसे पढ़कर आप अपने आराध्य देव श्री हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं. मान्यता के मुताबिक अगर हनुमान जी प्रसन्न होते हैं तो बलशाली होने का आशीर्वाद देते हैं.

Shree Hanuman Stuti: मंगलवार के दिन करें श्री हनुमंत स्तुति का पाठ, मिलेगा बलशाली होने का आशीर्वाद

Shree Hanuman Stuti: मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना जाता है. इस दिन बजरंगबली की पूजा करने से इंसान रोग और दुखों से मुक्त होकर बलशाली बन जाता है. मान्यता है कि जो भी भक्त बजरंगबली की पूजा करता है उसे शनि देव नहीं छूते हैं. इसलिए बजरंगबली को संकट हरण भी कहा जाता है. हनुमान जी के भक्त इस दिन बजरंगबली के लिए हनुमंत स्तुति भी करते हैं. ऐसा करने से बजरंगबली अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं. वहीं, इस दिन हनुमान जी की पूजा के बाद उनकी आरती जरूर करनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो पूजा अधूरी मानी जाती है.

हनुमान जी के भक्तों के लिए यहां हम हनुमंत स्तुति के साथ-साथ बजरंगबली की आरती भी दे रहे हैं. जिसे पढ़कर आप अपने आराध्य देव श्री हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं. मान्यता के मुताबिक अगर हनुमान जी प्रसन्न होते हैं तो बलशाली होने का आशीर्वाद देते हैं.

॥ श्री हनुमंत स्तुति॥

मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम्॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे॥

॥आरती॥
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥

जाके बल से गिरवर काँपे।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाये॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥

लंका जारि असुर संहारे।
सियाराम जी के काज सँवारे॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे।
लाये संजिवन प्राण उबारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥

पैठि पताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाईं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥

जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे॥
लंक विध्वंस किये रघुराई।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई॥

आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
॥इति संपूर्णंम्॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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