Masik Shivratri Puja: मासिक शिवरात्री में दो शिवरात्रि बहुत प्रसिद्ध है. इनमें एक फाल्गुन त्रियोदशी महा शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है जबकि दूसरे का नाम सावन शिवरात्रि है. भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित यह त्योहार उनके भक्त बहुत ही धूम-धाम से इस व्रत को मनाते हैं.
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Masik Shivratri Puja: मासिक शिवरात्रि का व्रत शुक्रवार को मनाया जाएगा. यह व्रत हर महीने में एक बार आता है यानि कि साल भर में 12 बार आता है. वहीं जिस साल अधिक मास होता है उसके कारण मासिक शिवरात्री भी बढ़कर 13 हो जाता है. अमावस्या से पहले कृष्णपक्ष की चतुर्दशी की तिथि के दिन शिव के उपासक इस व्रत को करते हैं. शिव जी की उपासना से कृपा बरसती है.
दो शिवरात्रि है बहुत प्रसिद्ध
मासिक शिवरात्री में दो शिवरात्रि बहुत प्रसिद्ध है. इनमें एक फाल्गुन त्रियोदशी महा शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है जबकि दूसरे का नाम सावन शिवरात्रि है. भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित यह त्योहार उनके भक्त बहुत ही धूम-धाम से इस व्रत को मनाते हैं. इस दिन शिव जी के भक्त उनकी पूजा करते हैं और शिवलिंग पर बेलपत्र और जल चढ़ाते हैं.
शिव मंदिर में उत्सव का माहौल
शिवरात्रि के दिन भक्त व्रत रखते हैं और मंदिरों में पहुंचकर पूजा करते हैं. इस दौरान गौरी-शंकर मंदिर में पूजा और कीर्तन का आयोजन किया जाता है. वहीं कुछ भक्त भगवान शिव का अभिषेक भी करते हैं जिसे रुद्राभिषेक कहा जाता है. इस दिन सभी ज्योतिर्लिंग, ऋषिकेश, पशुपतिनाथ, श्री शिव मंदिर के साथ-साथ देश भर के मंदिर में उत्सव का माहौल होता है.
शिव जी का होता है अभिषेक
इस दिन भक्त शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी, बेलपत्र और गंगाजल से अभिषेक करते हैं. अभिषेक के दौरान धतूरा, अबीर और भभूत चढ़ाया जाता है. पूजा और अभिषेक के दौरान शिव जी के पंचाक्षर मंत्र नमः शिवाय का जाप करते रहना चाहिए. ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं. पूजा के दौरान भूलकर भी तुलसी दल अर्पित न करें. ऐसा करने से शिव जी क्रोधित हो सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)