Phalguna Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या पर इन शुभ योग में पितरों के तर्पण से खुलेगा मोक्ष का रास्ता, घर में आएगी समृद्धि
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Phalguna Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या पर इन शुभ योग में पितरों के तर्पण से खुलेगा मोक्ष का रास्ता, घर में आएगी समृद्धि

Phalguna Amavasya 2025 Tarpan Yoga: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व बताया गया है. विशेषकर पितृ तर्पण या पितृ दोष को दूर करने के लिए पूजा के लिए तिथि अति महत्वपूर्ण है. इस दिन स्नान-दान करना भी शुभ बताया गया है.

Phalguna Amavasya 2025 Tarpan Yoga

Phalguna Amavasya 2025 tarpan shubh yoga: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है, पंचांग देखें तो जल्दी ही फाल्गुन माह की अमावस्या की तिथि आने वाली है. फाल्गुन अमावस्या को सुबह सवेरे गंगा स्नान या घर के पानी में गंगा जल की बूंदे डालकर नहाने का विधान है. इस दौरान अपने पितरों का तर्पण करने के बारे में बताया जाता है. दान करने का भी इस तिथि पर बहुत महत्व है, इससे पितृ प्रसन्न होते हैं. ध्यान दें कि अमावस्या तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने का भी विधान है.

अमावस्या तिथि कब से कब 
इस साल फाल्गुन अमावस्या तिथि 27 फरवरी 2024 को पड़ रही को पड़ रही है.फाल्गुन अमावस्या तिथि का प्रारंभ 27 फरवरी की सुबह 07 बजकर 26 मिनट पर हो रही है. तिथि 28 फरवरी की सुबह 05 बजकर 46 मिनट पर समाप्त हो रहा है. इस तरह 27 फरवरी को पूरे दिन अमावस्या तिथि रहने वाली. तर्पण और सभी विधि विधान पूरा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितरों का आशीर्वाद और कृपा जब घर पर बनी रहती है तो घर में सुख समृद्धि का वास होता है. 

फाल्गुन अमावस्या पर कई शुभ योग
फाल्गुन अमावस्या पर सिद्ध और शिव योग बनने वाला है. जिससे इस तिथि का महत्व और भी बढ़ जाएगा. मान्यता है कि शिवयोग में पितृ के नाम अगर तर्पण करें तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. शिवयोग फाल्गुन अमावस्या के प्रातः काल से प्रारंभ होने वाला है और सुबह के 11 बजकर 08 मिनट तक होगा. इस योग में स्नान-दान कर्म करना और पितृ का तर्पण करना शुभ होगा. सुबह के 11 बजकर 08 मिनट के बाद से ही सिद्ध योग प्रारंभ हो जाएगी जोकि एक उत्तम योग है.

फाल्गुन अमावस्या के उपाय 
फाल्गुन अमावस्या के पर अगर कुछ छोटे उपाय कर लें तो इस पितृ प्रसन्न हो सकते हैं. जैसे- 
पितृ के नाम पर जल में काला तिल व कुशा डाल कर स्नान करें. 
पीपल पेड़ के नीचे जल अर्पित करें. 
शाम के समय गाय के सामने घी का दीपक जलाएं. 
इस तिथि पर गोबर के कंडे जलाएं और उसमें धुप, घी और गुड़ डालें. 
इस दौरान पितृ देवताभ्यो अर्पणस्तु का जाप करते रहें. 
ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होंगे और उन्हें मुक्ति मिलेगी. 
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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