Karna Divya Astra: क्या इंद्र से मिले दिव्यास्त्र से कर्ण, श्रीकृष्ण की जान ले सकता था? आखिर कर्ण को इंद्र से कौन सा दिव्य अस्त्र प्राप्त था. पढ़िए, महाभारत का दिलचस्प प्रसंग.
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Mahabharata Interesting Facts About Karna Divya Astra: महाभारत ग्रंथ में ऐसा उल्लेख मिलता है कि कौरवों ने कर्ण से कहा था कि वो इंद्र के दिव्यास्त्र को अर्जुन पर छोड़े, यदि अर्जुन पर नहीं तो उनके सारथी श्रीकृष्ण पर ही प्रहार करे. लेकिन, सवाल यह है कि क्या इंद्र से मिले दिव्यास्त्र से कर्ण, श्रीकृष्ण की जान ले सकता था? आखिर इंद्र ने कर्ण को कौन का दिव्य अस्त्र प्रदान किया था. क्या ये सही है कि भगवान श्रीकृष्ण कर्ण के दिव्य अस्त्र से अर्जुन को नहीं बचा पाते? आइए जानते हैं इस बारे में.
कर्ण को इंद्र देव से कौन सी शक्ति प्राप्त थी?
महाभारत के मुताबिक, कर्ण को इंद्र देव से वासवी (Vasavi) नामक दिव्यास्त्र प्राप्त था. यह अस्त्र अत्यधिक शक्तिशाली था. इंद्र ने कर्ण से कहा था कि तुम इसे सिर्फ एक बार ही उपयोग करोगे. यह अस्त्र किसी भी शत्रु को नष्ट करने की क्षमता रखता था. कर्ण ने इसका प्रयोग अर्जुन के खिलाफ युद्ध में करने का विचार किया था. अगर कर्ण ने इस अस्त्र का सही समय पर और सही तरीके से प्रयोग किया होता, तो वह अर्जुन के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता था.
क्या श्री कृष्ण कर्ण के दिव्यास्त्र से अर्जुन को नहीं बचा पाते?
ऐसा सोचना गलत होगा, कुरुक्षेत्र के युद्ध में कर्ण के वासवी अस्त्र के प्रयोग को लेकर कुछ विवरण सामने आए हैं. लेकिन, इसे समझने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि भगवान श्री कृष्ण की शक्ति और उनकी दिव्यता कितनी अपूर्व थी.
श्री कृष्ण ने की अर्जुन की रक्षा
कर्ण के पास भले ही वासवी नामक अस्त्र था, लेकिन भगवान श्री कृष्ण की शक्ति असीमित थी. उनका सुदर्शन चक्र किसी भी शत्रु को नष्ट करने की क्षमता रखता था. श्री कृष्ण ने युद्ध के दौरान अर्जुन को लगातार मार्गदर्शन और रक्षा प्रदान की. श्री कृष्ण की उपस्थिति और उनकी दिव्यता के चलते अर्जुन की रक्षा की जाती थी. ऐसे में कर्ण का अस्त्र श्री कृष्ण की शक्ति के सामने कोई प्रभाव नहीं डाल पाता.
महाभारत के कुछ हिस्सों में कौरवों का कर्ण से यह कहना भी आया है कि वासवी अस्त्र को अर्जुन पर छोड़ा जाए. यदि अर्जुन पर नहीं, तो श्री कृष्ण पर ही इस अस्त्र का प्रयोग किया जाए. लेकिन, इस स्थिति में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि भगवान श्री कृष्ण का प्रभाव और उनकी दिव्य शक्ति अडिग थी.
यह सच है कि वासवी अस्त्र अत्यंत शक्तिशाली था, लेकिन श्री कृष्ण से पार नहीं पाया जा सकता था. भगवान श्री कृष्ण अविनाशी और अद्वितीय थे, और उनके द्वारा पांडवों को दी गई सुरक्षा और मार्गदर्शन से कोई भी अस्त्र उनका सामना नहीं कर सकता था.
क्या इंद्र से प्राप्त दिव्यास्त्र से कर्ण श्री कृष्ण की जान ले सकता था?
श्री कृष्ण की दिव्य अनंत शक्ति, उनकी अविनाशी स्थिति और उनकी दिव्यता के कारण कोई भी अस्त्र या शत्रु उन्हें नष्ट नहीं कर सकता था. युद्ध में कर्ण के पास कई शक्तिशाली अस्त्र थे, लेकिन भगवान श्री कृष्ण का अस्तित्व और उनका दैवीय कर्तव्य हमेशा उनकी रक्षा करता था. कर्ण के अस्त्र का श्री कृष्ण पर कोई असर नहीं होता. वह अपने भक्तों और सही धर्म की रक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)