Mahabharat Katha: महाभारत युद्ध में जितने लोग मारे गए, उतने तो शायद ही किसी युद्ध में मारे गए होंगे. छल-कपट से लड़े गए इस युद्ध में दुर्योधन के वध के पीछे खुद उसकी ही गलतियां जिम्मेदार थीं.
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Duryodhana Vadh: धर्म और अधर्म के बीच हुए महाभारत युद्ध का सबसे बड़ा खलनायक दुर्योधन था. महाभारत युद्ध होने के पीछे ही सबसे बड़ी वजह दुर्योधन था, जिसने अपने अहंकार और छल-कपट के कारण ना केवल इतने बड़े युद्ध को न्यौता दिया. जिसमें ना जाने कितने लोगों की जान गई, बल्कि दुर्योधन खुद भी काल का गाल बना. दुर्योधन के वध के पीछे उसकी अपनी गलतियां जिम्मेदार थीं लेकिन एक गलती सबसे ज्यादा भारी पड़ गई, वरना पांचों पांडव मिलकर भी दुर्योधन का वध नहीं कर पाते.
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छल-कपट करने के अलावा भी कीं कईं गलतियां
हस्तिनापुर के सिंहासन के लिए कुरुक्षेत्र की रणभूमि पर लड़े गए महाभारत के युद्ध में दुर्योधन ने कई छल-कपट किए. इसके अलावा भी उसने कुछ बड़ी गलतियां कीं. जो दुर्योधन के जीवन पर भारी पड़ीं. यही वजह है कि जब भीम, दुर्योधन का वध कर रहा था, तो खून से लथपथ दुर्योधन ने भगवान श्रीकृष्ण की ओर उंगलियां से इशारा किया.
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रणभूमि में पड़े दुर्योधन ने मरने से पहले अपनी 3 उंगलियां दिखाते हुए बताया था कि उसने 3 बड़ी गलतियां कीं, जिसके कारण वह मृत्यु को प्राप्त हो रहा है. दुर्योधन की पहली गलती थी- खुद को सर्वश्रेष्ठ समझना. दूसरी गलती थी- युद्ध में अपने योद्धाओं का सही तरीके से उपयोग ना करना, बल्कि उनका बार-बार अपमान करना. यही वजह थी कि कई योद्धा भले ही युद्ध में शस्त्र लेकर पांडवों के खिलाफ खड़े थे लेकिन वे मन से पांडवों की ओर थे.
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मां गांधारी की बात ना मानना
वहीं दुर्योधन की सबसे बड़ी गलती थी अपनी मां गांधारी की बात ना मानना, जिसके कारण भीम उसका वध कर पाया. दरअसल, अपने अंधे पति धृतराष्ट्र के प्रेम में गांधारी ने भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी और वे उसे हमेशा बांधी रहीं. इस पतिव्रत धर्म के कारण उनकी दृष्टि में विशेष तेज आ गया था.
महाभारत युद्ध जब अंतिम चरण में था और दुर्योधन अकेला बचा था. तब भीम ने उसे गदा युद्ध के लिए ललकारा. तब दुर्योधन की मां गांधारी ने उसे नग्नावस्था में एकांत में आने को कहा. ताकि वे अपने नेत्रों से निकलते तेज से दुर्योधन के शरीर को व्रज का बना दें, लेकिन अंतिम समय में किसी के कहने पर दुर्योधन ने अपनी मां के वचन को गंभीरता से नहीं लिया और कमर पर पत्ते लपेटकर अपनी मां के सामने आ गया. जिससे दुर्योधन का शरीर पूरी तरह से व्रज का नहीं बन सका. इसका परिणाम यह हुआ कि भीम ने रणभूमि पर दुर्योधन की जांघ तोड़ दी और वह मारा गया.
(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)