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Gita updesh on repeating old mistake: हिंदू धर्म में श्रीमद्भगवद्गीता का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है. गीता में दिए गए 18 अध्याय के 700 श्लोक व्यक्ति को जीवन में मोक्ष का रास्ता बताती है. गीता में संपूर्ण जीवन का रहस्य छिपा हुआ है, जो व्यक्ति इसे अपने जीवन में अपना लें वह सच्चा और नेक इंसान बनता है.
ऐसे में आज गीता के कुछ महत्वपूर्ण उपदेशों के बारे में जानते हैं जो व्यक्ति को सच्चे और अच्छे जीवन की ओर जीने में मदद कर सकता है.
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गीता के मुख्य उपदेश
गीता उपदेश में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को समझाते हुए कहा था कि किसी की सराहना या निंदा करना लाभकारी है. लेकिन यह बात आप पर निर्भर करती है कि आप उस बात को अपने पर कैसे लेते हैं. सराहना को सकारात्मक तरीके से लेने से प्रशंसा होगी और निंदा को सीख के रूप में लेते हैं तो इससे गलती को सुधारने का मौका मिलेगा.
दूसरे उपदेश के अनुसार यदि भगवान इंसान को किसी चीज को दोबारा करने का मौका दें तो नए तौर पर फिर से शुरू करें. ना कि दोबारा उसी गलती को दोहराएं क्योंकि भगवान एक ही गलती को दोहराने का मौका नहीं देते हैं. इसलिए मौका का लाभ उठाना चाहिए.
गीता के तीसरे उपदेश के अनुसार कोई किसी का नहीं होता है. इसलिए जल्दी किसी पर भरोसा ना करें. दरअसल भरोसा टूटने पर उम्मीद भी खत्म हो जाती है. उम्मीद खत्म होने का अर्थ है अपेक्षाओं का भी टूटना इसलिए कभी भी खुद को किसी के भरोसे पर ना रखें.
गीता के एक और उपदेश में यह बताया गया है कि किसी इंसान को किसी चीज का घमंड नहीं करना चाहिए. दरअसल देने और लेने वाला एक ही है और वो है भगवान. यही वजह है कि जो है वह आपका तो है और जो नहीं है उस पर आपका कोई अधिकार नहीं होता है. इन सिद्धांतों को अपनाते हुए जीवन में आगे बढ़ना काफी आसान होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)