Keelak Strotam Benefits: जो व्यक्ति भक्ति भाव से कीलक स्तोत्र का पाठ करता है उसके जीवन से माता रानी सभी कष्ट खत्म कर देती हैं और सुख-शांति का वास होता है.
Trending Photos
Shardiya Navratri 2024 Upay: मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. पूरा देश में माता रानी की पूजा उपासना में लीन है. नवरात्र के 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग 9 स्वरूपों की पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि जो साधक भक्ति भाव से माता रानी की पूजा करते हैं उन्हें धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है. नवरात्रि के पावन अवसर पर आप कुछ चमत्कारी मंत्रों या फिर स्तोत्र का जाप कर माता रानी की विशेष कृपा पा सकते हैं. मान्यता है कि जो व्यक्ति भक्ति भाव से कीलक स्तोत्र का पाठ करता है उसके जीवन से माता रानी सभी कष्ट खत्म कर देती हैं और सुख-शांति का वास होता है.
यह भी पढ़ें: वक्री होने जा रहे हैं देव गुरु बृहस्पति, इन 3 राशि के लोगों के शुरू होंगे अच्छे दिन, खुलेंगे धनलाभ के नए रास्ते!
यहां पढ़ें कीलक स्त्रोत
ॐ नमश्चण्डिकायै ॥
मार्कण्डेय उवाच
ॐ विशुद्धज्ञानदेहाय त्रिवेदीदिव्यचक्षुषे ।
श्रेयःप्राप्तिनिमित्ताय नमः सोमार्धधारिणे ॥ 1 ॥
सर्वमेतद्विजानीयान्मन्त्राणामभिकीलकम् ।
सोऽपि क्षेममवाप्नोति सततं जाप्यतत्परः ॥ 2 ॥
सिद्ध्यन्त्युच्चाटनादीनि वस्तूनि सकलान्यपि ।
एतेन स्तुवतां देवी स्तोत्रमात्रेण सिद्ध्यति ॥ 3 ॥
न मन्त्रो नौषधं तत्र न किञ्चिदपि विद्यते ।
विना जाप्येन सिद्ध्येत सर्वमुच्चाटनादिकम् ॥ 4 ॥
समग्राण्यपि सिद्ध्यन्ति लोकशङ्कामिमां हरः ।
कृत्वा निमन्त्रयामास सर्वमेवमिदं शुभम् ॥ 5 ॥
स्तोत्रं वै चण्डिकायास्तु तच्च गुप्तं चकार सः ।
समाप्तिर्न च पुण्यस्य तां यथावन्नियन्त्रणाम् ॥ 6 ॥
सोऽपि क्षेममवाप्नोति सर्वमेवं न संशयः ।
कृष्णायां वा चतुर्दश्यामष्टम्यां वा समाहितः ॥ 7 ॥
ददाति प्रतिगृह्णाति नान्यथैषा प्रसीदति ।
इत्थंरूपेण कीलेन महादेवेन कीलितम् ॥ 8 ॥
यो निष्कीलां विधायैनां नित्यं जपति संस्फुटम् ।
स सिद्धः स गणः सोऽपि गन्धर्वो जायते नरः ॥ 9 ॥
न चैवाप्यटतस्तस्य भयं क्वापीह जायते ।
नापमृत्युवशं याति मृतो मोक्षमवाप्नुयात् ॥ 10 ॥
ज्ञात्वा प्रारभ्य कुर्वीत न कुर्वाणो विनश्यति ।
ततो ज्ञात्वैव सम्पन्नमिदं प्रारभ्यते बुधैः ॥ 11 ॥
सौभाग्यादि च यत्किञ्चिद् दृश्यते ललनाजने ।
तत्सर्वं तत्प्रसादेन तेन जाप्यमिदं शुभम् ॥ 12 ॥
शनैस्तु जप्यमानेऽस्मिन् स्तोत्रे सम्पत्तिरुच्चकैः ।
भवत्येव समग्रापि ततः प्रारभ्यमेव तत् ॥ 13 ॥
ऐश्वर्यं यत्प्रसादेन सौभाग्यारोग्यसम्पदः ।
शत्रुहानिः परो मोक्षः स्तूयते सा न किं जनैः ॥ ॐ ॥ 14 ॥
॥ कीलक स्तोत्र सम्पूर्ण ॥
यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: जीवन में इन 4 लोगों से बना लेनी चाहिए दूरी, हमेशा करते हैं नुकसान, जीवनभर होगा पछतावा!
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.