Ketu in Kundli: बेहद करिश्माई है कुंडली के 8वें भाव का केतु, जानें जीवन पर क्या डालता है प्रभाव
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Ketu in Kundli: बेहद करिश्माई है कुंडली के 8वें भाव का केतु, जानें जीवन पर क्या डालता है प्रभाव

Ketu in Kundli: ज्योतिष शास्त्र में केतु को छाया या पाप ग्रह कहा गया है. कुंडली के 8वें भाव में केतु का होना जीवन में होने वाले बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है. आइए जानते हैं कि कुंडली के 8वें भाव का केतु जीवन में कौन-कौन से बड़े बदलावों को लेकर आता है. 

 

Ketu in Kundli: बेहद करिश्माई है कुंडली के 8वें भाव का केतु, जानें जीवन पर क्या डालता है प्रभाव

Ketu in Kundli: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, ग्रहों की चाल का अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव प्रत्येक इंसान के जीवन पर प्रभाव पड़ता है. राहु और केतु छाया ग्रह कहे गए हैं. इसके अलावा पाप ग्रह की श्रेणी में भी आते हैं. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के मुताबित, कुंडली के आठवें भाव में पाप ग्रह राहु का होना जीवन में कई प्रकार की अप्रत्याशित घटनाओं को लेकर आता है. आइए जानते हैं कि कुंडली के आठवें भाव में केतु का होना जीवन पर क्या असर डालता है. 

केतु ग्रह का क्या है स्वरूप

ज्योतिष शास्त्र में केतु को विरक्ति और त्याग का प्रतीक माना गया है. इसे मुक्ति का मार्ग माना जाता है. यह हमारी अंतरात्मा और परमात्मा से सीधा संबंध स्थापित करने वाला ग्रह है. 

कुंडली के अष्टम भाव का क्या है महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली का आठवां भाव समाधि, रहस्य, जीवन-मृत्यु, पैतृक संपत्ति, वसीयत, बड़े परिवर्तन, दुर्घटना और असाध्य रोगों का कारक है. इसी भाव से अचानक मिले धन, गुप्त विद्याओं, ससुराल, और ज्योतिष का भी विचार किया जाता है.

अष्टम भाव में केतु का प्रभाव

अष्टम भाव बाधाओं का घर है और केतु को "कुजावत" यानी मंगल के समान प्रभावशाली और त्वरित परिणाम देने वाला कहा गया है. इस भाव में स्थित केतु अचानक बड़ी बाधाओं को उत्पन्न करने में सक्षम होता है.

भविष्य की घटनाओं का पूर्व आभाव

अष्टम भाव में केतु होने पर व्यक्ति में अद्भुत अंतर्ज्ञान होता है, जिससे वह भविष्य में होने वाली घटनाओं का आभास पहले ही कर लेता है. ऐसा व्यक्ति रहस्यवादी और गूढ़ विषयों की ओर आकर्षित होता है. 

अघोरी और सिद्धि 

अष्टम भाव में केतु होने पर व्यक्ति एक अघोरी या फकीर की तरह जीवन जी सकता है, जो दूसरों को अनजाने में आशीर्वाद देकर उनके जीवन को प्रभावित कर सकता है. 

अचानक धन प्राप्ति

अगर अष्टम भाव का केतु शुक्र, गुरु, धन भाव, एकादश भाव या चतुर्थ भाव से संबंध बनाता है, तो व्यक्ति को अचानक धन या संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है.

बीमारी का संकेत

अष्टम भाव का केतु किसी न किसी गंभीर बीमारी या सर्जरी की ओर इशारा करता है. इसके अलावा यह कमर से नीचे के रोग या किसी बड़े घाव का कारण बन सकता है.

रिसर्च में सफलता

इस भाव में केतु होने से व्यक्ति की रुचि अनुसंधान (Research) में होती है और वह इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है. 

मृत्यु पूर्व संकेत

ऐसा व्यक्ति मृत्यु से पहले उसकी आहट को महसूस कर सकता है.

प्राकृतिक आपदाओं से बचाव

अगर अष्टम भाव में केतु शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति किसी बड़े हादसे जैसे भूकंप या दुर्घटना में फंसकर भी चमत्कारिक रूप से जीवित बच सकता है.

संतान संबंधी बाधाएं

कुंडली के अष्टम भाव में केतु के होने से संतान को कष्ट हो सकता है या संतान की प्राप्ति में देरी हो सकती है. 

आर्थिक परेशानियां

कुंडली के अष्टम भाव में केतु उधार दिए गए धन की हानि का संकेत देता है. इसके अलावा करियर और आर्थिक जीवन में भी परेशानियां पैदा कर सकता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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