ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करती साधुओं की ये बिरादरी, शव तक से बनाते हैं शारीरिक संबंध!
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ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करती साधुओं की ये बिरादरी, शव तक से बनाते हैं शारीरिक संबंध!

Aghori Baba: आमतौर पर साधु-संत सन्‍यासी होते हैं और ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. वे गृहस्‍थ जीवन और सांसारिक प्रवृत्तियों से दूर ही रहते हैं. लेकिन साधु-संतों की एक ऐसी बिरादरी है जो महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाती है.

ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करती साधुओं की ये बिरादरी, शव तक से बनाते हैं शारीरिक संबंध!

Aghori baba Life: भारत में साधु-संतों की दुनिया बेहद रोचक है. साधु-संत सांसारिक जीवन से दूर रहकर लोगों को धर्म की राह दिखाते हैं. साधु-संत भी कई तरह के होते हैं और इनकी दुनिया भी काफी अलग-अलग तरह की होती है. वे अलग-अलग नियमों और गुरु परंपराओं का पालन करते हैं. लेकिन आमतौर पर साधु-संतों में एक बात कॉमन होती है कि वे ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. वहीं कुछ गुरु गृहस्‍थ जीवन में रहकर लोगों को धर्म की राह दिखाते हैं लेकिन उन्‍हें साधु या सन्‍यासी नहीं कहा जाता है. आज हम साधु-संतों की एक ऐसी बिरादरी के बारे में बताते हैं जो ब्रह्मचर्य का पालन नहीं करती है. साथ ही कई ऐसे काम करती है, जिससे अन्‍य साधु-संत कोसों दूर ही रहते हैं. ये हैं अघोरियों का समुदाय.

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श्‍मशान में बसेरा, शिव की भक्ति में लीन

अघोरी बाबाओं का बसेरा श्‍मशान घाट में रहता है. वे वहां जलते मुर्दों के बीच अपनी साधना करते हैं. दफन किए गए शवों के साथ कई तंत्र-मंत्र करते हैं. रात के अंधेरे में उनकी तंत्र-मंत्र साधना में कुत्‍ते ही उनके साथी होते हैं. दरअसल, अघोरियों को कुत्‍ते बेहद प्रिय होते हैं.

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अघोर संप्रदाय भगवान शिव का भक्‍त होता है और उन्‍हीं की भक्ति में लीन रहता है. लेकिन वे शिव के भोलेनाथ वाले रूप की बजाय अघोर रूप की पूजा करते हैं. नरमुंड और हड्डियों की माला गले में लटकाते हैं. चिताओं की राख शरीर पर लपेटते हैं.

 

महिलाओं के शव के साथ बनाते हैं संबंध

अघोरियों के मामले में एक बात प्रचलित है कि वे श्‍मशान में महिलाओं के शवों के साथ संबंध बनाते हैं. यह भी उनका शिव भक्‍ती करने का एक तरीका है. अघोरी मानते हैं कि यदि वे शारीरिक संबंध बनाने के दौरान भी साधना कर सकते हैं तो यह उनकी साधना का एक अलग ही स्‍तर है. इसके चलते वे महिलाओं के शव के साथ संबंध बनाते हैं.

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वहीं जीवित महिलाओं में उन महिलाओं के साथ संबंध बनाते हैं, जिनका मासिक चक्र चल रहा हो. इतना ही नहीं अघोरी बाबा इंसानों का मांस भी खाते हैं. वे कई तरह के नशे भी करते हैं. बनारस और महाकाल की नगरी उज्‍जैन में बड़ी संख्‍या में अघोरी बाबा रहते हैं.  

 

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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