Agni Panchak 2025: सनातन धर्म में अग्नि पंचक को शुभ नहीं माना गया है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अग्नि पंचक कब से शुरू हो रहा है और इस दौरान क्या ना करें.
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Agni Panchak 2025: शास्त्रों के अनुसार, हर महीने में पांच दिन ऐसे होते हैं, जो अत्यंत अशुभ माने जाते हैं. इन दिनों में कुछ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है, क्योंकि पंचक काल अशुभ प्रभाव डाल सकता है. पंचक के दौरान मांगलिक कार्यों की शुरुआत नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि फरवरी में अग्नि पंचक कब से कब तक रहेगा और इस दौरान क्या नहीं करना चाहिए.
पंचक कब और कैसे लगता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में प्रवेश करता है, तब पंचक प्रारंभ होता है. यह काल कुल पांच दिनों तक चलता है. पंचक के भी कई प्रकार होते हैं. इस बार फरवरी माह में पड़ने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाएगा, जिसे अत्यंत अशुभ माना जाता है.
अग्नि पंचक का प्रभाव
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अग्नि पंचक के दौरान आग लगने की घटनाएं अधिक होती हैं. इसलिए इस समय विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और आग से जुड़ी किसी भी गतिविधि से बचना चाहिए.
पंचक का समय
ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, इस वर्ष फरवरी में पंचक 27 फरवरी को शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा. जबकि, इसका समापन 3 मार्च को शाम 6 बजकर 39 मिनट पर होगा. इस दौरान कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए.
पंचक के दौरान क्या न करें?
छत की ढलाई न करें- अगर नया घर बना रहे हैं, तो छत की ढलाई पंचक में न करें, वरना नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.
नए कार्य की शुरुआत न करें- पंचक में किसी भी नए कार्य की शुरुआत करना अशुभ होता है.
दक्षिण दिशा में यात्रा न करें- दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है, इसलिए पंचक में वहां यात्रा करने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है.
मांगलिक कार्य न करें- विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्य पंचक में नहीं करने चाहिए, खासकर अग्नि पंचक में.
पंचक में क्या करें?
शास्त्रों के अनुसार, पंचक के दौरान भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करें ताकि पंचक का नकारात्मक प्रभाव कम हो जाए. इससे जीवन में शुभता बनी रहती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)