बेंगलुरु अव्‍वल, द‍िल्‍ली फ‍िसड्डी...देश में ऑफ‍िस स्‍पेस की बढ़ती मांग के क्‍या हैं मायने?
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बेंगलुरु अव्‍वल, द‍िल्‍ली फ‍िसड्डी...देश में ऑफ‍िस स्‍पेस की बढ़ती मांग के क्‍या हैं मायने?

Leasing Office Space: राजधानी द‍िल्‍ली-एनसीआर में भले ही ऑफ‍िस स्‍पेस की ड‍िमांड में ग‍िरावट आई है लेक‍िन बेंगलुरु में इसमें जबरदस्‍त बढ़ोतरी देखी गई है. बेंगलुरु में ऑफ‍िस स्‍पेस की कुल लीज ड‍िमांड 64 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 259.3 लाख वर्ग फीट पर पहुंच गई. 

बेंगलुरु अव्‍वल, द‍िल्‍ली फ‍िसड्डी...देश में ऑफ‍िस स्‍पेस की बढ़ती मांग के क्‍या हैं मायने?

Office Space Demand: देश का ऑफ‍िस मार्केट साल 2024 में काफी एक्‍ट‍िव रहा और ऑफ‍िस स्‍पेस की लीज आठ प्रमुख शहरों में 19 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 885.2 लाख वर्ग फीट पर पहुंच गई. एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी गई. रियल एस्टेट एडवाइजर कुशमैन एंड वेकफील्ड (C&W) के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में ऑफ‍िस स्‍पेस की कुल लीज की ड‍िमांड 745.6 लाख वर्ग फीट थी. यह 2024 में बढ़कर 885.2 लाख वर्ग फीट पर पहुंच गई.

ऑफ‍िस सेक्‍टर के लिए अच्‍छा रहा साल 2024

कुशमैन एंड वेकफील्ड में भारत, दक्षिण पूर्व एशिया एवं एपीएसी ‘टेनेंट रिप्रेसेंटेशन’ के सीईओ अंशुल जैन ने कहा, ‘साल 2024 भारत के ऑफ‍िस सेक्‍टर के लिए एक निर्णायक साल रहा, जिसमें क्‍वांट‍िटी के लिहाज से रिकॉर्ड-तोड़ पट्टा मांग रही.’ उन्होंने कहा कि ग्‍लोबल कैप‍िस‍िटी सेंटर (GCC) की बढ़ती उपस्थिति, जो कुल मांग में करीब 30 प्रतिशत का योगदान दे रही है, ग्‍लोबल बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारत के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करती है.

बेंगलुरु की मांग में जबरदस्‍त उछाल
आठ प्रमुख शहरों में से बेंगलुरु में सकल पट्टा मांग 64 प्रतिशत बढ़कर 2024 में 259.3 लाख वर्ग फुट हो गई, जबकि 2023 में यह 158.3 लाख वर्ग फुट थी. मुंबई में मांग 140.8 लाख वर्ग फुट से 27 प्रतिशत बढ़कर 178.4 लाख वर्ग फुट, हैदराबाद में में 90.1 लाख वर्ग फुट से 37 प्रतिशत बढ़कर 123.1 लाख वर्ग फुट और अहमदाबाद में 16.3 लाख वर्ग फुट से 11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 18.1 लाख वर्ग फुट हो गई.

द‍िल्‍ली में आई ग‍िरावट
दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), चेन्नई तथा पुणे में कार्यालय की मांग में गिरावट दर्ज की गई, जबकि कोलकाता का बाजार स्थिर रहा. दिल्ली-एनसीआर में मांग 135.7 लाख वर्ग फुट से तीन प्रतिशत घटकर 131.4 लाख वर्ग फुट रह गई. पुणे में 84.7 लाख वर्ग फुट रही जो 2023 की 97.4 लाख वर्ग फुट से 13 प्रतिशत कम है. कोलकाता में 2024 और 2023 में 17 लाख वर्ग फुट पर स्थिर रही.

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